तलाक़ देना का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- तलाक़े बिदई - माहवारी की हालत में तलाक़ देना या ऐसी पाकी में तलाक़ देना जिसमें क़ुर्बत की गई हो , तलाक़े बिदई है .
- सैयदे आलम सल्लल्लाहो अलैहे वसल्लम ने उन्हें हुक्म दिया कि रजअत करें फिर अगर तलाक़ देना चाहें तो पाकी के दिनों में तलाक़ दें .
- तलाक़े हसन- यानी जिस औरत से शौहर ने क़ुर्बत न की हो उसको एक तलाक़ देना तलाक़े हसन है चाहे यह तलाक़ माहवारी में हो .
- “तुम मेरे भाई से क्या पूछने गये थे ? ” वह बाल बिखेरकर 'देवी' का रूप धारण किये हुए कहती, “तुम बीना की तरह मुझे भी तलाक़ देना चाहते हो?
- 473 औरत के हैज़ से पाक हो जाने के बाद चाहे उसने ग़ुस्ल न किया हो तलाक़ देना सही है और उसका शौहर उससे जिमाअ भी कर सकता है।
- दूसरी तरफ़ , पाश्चात्य सभ्यता में तलाक़ देना / लेना ( कोर्ट के माध्यम से ) इतना सरल और इतना अधिक प्रचलित है कि ज़रा-ज़रा सी बात पर तलाक़ हो जाती है ।
- ( याद रहे एक साथ तीन मरतबा तलाक़ देना शिया फ़िक़ में सही नहीं ) यह शख़्स वहाँ पहुंचा जहाँ इमाम रहते थे लेकिन अब्बासी ख़लीफ़ा ने इमाम ( अ. ) से मुलाक़ात को मना कर दिया था।
- शादी का सारा खर्चा लड़की से वसूल किया जाना चाहिये और लिखित माफी मांगा चाहिये फिर लड़की को तलाक़ देना चाहिये लड़की को अगर कोई दूसरा लड़का पसंद था तो उसको शादी नही करनी चाहिये थी . .अब कुकर्म किये है तो भुगतो
- आयत में जो हुक्म दिया गया उससे मुराद शौहरों के साथ सोई हुई ऐसी औरतें हैं जिनकी इद्दत माहवारी से गिनी जाए , उन्हें तलाक़ देना हो तो ऐसी पाकी के दिनों में तलाक़ दें जिसमें उनसे हमबिस्तरी न की गई हो .
- “ तुम मेरे भाई से क्या पूछने गये थे ? ” वह बाल बिखेरकर ‘ देवी ' का रूप धारण किये हुए कहती , “ तुम बीना की तरह मुझे भी तलाक़ देना चाहते हो ? किसी तीसरी को घर में लाना चहाते हो ? मगर मैं बीना नहीं हूँ।