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तशनगी का अर्थ

तशनगी अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. वह उस वक़्त की जि़न्दगी , तहज़ीब, तज़ादात, जद्दो-जेहद, उस वक़्त की घुटन, तशनगी, हिरमाँ-नसीबी और बेबसी की अलामत है।
  2. वह उस वक़्त की जि़न्दगी , तहज़ीब , तज़ादात , जद्दो-जेहद , उस वक़्त की घुटन , तशनगी , हिरमाँ-नसीबी और बेबसी की अलामत है।
  3. वह उस वक़्त की जि़न्दगी , तहज़ीब , तज़ादात , जद्दो-जेहद , उस वक़्त की घुटन , तशनगी , हिरमाँ-नसीबी और बेबसी की अलामत है।
  4. मोहम्म्द ने पानी की ख़्वाहिश ( इच्छा ) की तो उन संगदिलों ने पानी देने से इन्कार कर दिया , और उसी तशनगी ( प्यास ) के आलम में उन्हें शहीद कर दिया और उन की लाश को एक मुर्दा गधे के पेट में रख कर जला दिया।
  5. शजर पर एक ही पत्ता बचा है हवा की आँख में चुबने लगा है नदी दम तोड़ बैठी तशनगी से समन्दर बारिशों में भीगता है कभी जुगनू कभी तितली के पीछे मेरा बचपन अभी तक भागता है सभी के खून में गैरत नही पर लहू सब की रगों में दोड़ता है जवानी क्या मेरे बेटे पे आई मेरी आँखों
  6. शजर पर एक ही पत्ता बचा है हवा की आँख में चुबने लगा है नदी दम तोड़ बैठी तशनगी से समन्दर बारिशों में भीगता है कभी जुगनू कभी तितली के पीछे मेरा बचपन अभी तक भागता है सभी के खून में गैरत नही पर लहू सब की रगों में दोड़ता है जवानी क्या मेरे बेटे पे आई मेरी आँखों . ..
  7. ( (( -दुनिया में साहेबाने इल्म व फ़ज़्ल बेशुमार हैं लेकिन वह अहले इल्म जिन्हें मालिक ने अपने इल्म और अपने दीन का मुहाफ़िज़ बनाया है वह महदूद ही हैं जिनकी सिफ़त यह है के इल्म का तहफ़्फ़ुज़ भी करते हैं और दूसरों को सेराब भी करते रहते हैं , ख़ुद भी सेराब रहते हैं और दूसरों की तशनगी का भी इलाज करते रहते हैं।
  8. शजर पर एक ही पत्ता बचा है हवा की आँख में चुबने लगा है नदी दम तोड़ बैठी तशनगी से समन्दर बारिशों में भीगता है कभी जुगनू कभी तितली के पीछे मेरा बचपन अभी तक भागता है सभी के खून में गैरत नही पर लहू सब की रगों में दोड़ता है जवानी क्या मेरे बेटे पे आई मेरी आँखों में आँखे डालता है चलो हम भी किनारे बैठ जायें ग़ज़ल ग़ालिब सी दरिया गा रहा है
  9. शजर पर एक ही पत्ता बचा है हवा की आँख में चुभने लगा है नदी दम तोड़ बैठी तशनगी से समन्दर बारिशों में भीगता है कभी जुगनू कभी तितली के पीछे मेरा बचपन अभी तक भागता है सभी के ख़ून में ग़ैरत नही पर लहू सब की रगों में दोड़ता है जवानी क्या मेरे बेटे पे आई मेरी आँखों में आँखे डालता है चलो हम भी किनारे बैठ जायें ग़ज़ल ग़ालिब सी दरिया गा रहा है 5 .
  10. किसे मालूम था वो भी सितारा डूब जायेगा ग़ज़ल शजर पर एक ही पत्ता बचा है हवा की आँख में चुबने लगा है नदी दम तोड़ बैठी तशनगी से समन्दर बारिशों में भीगता है कभी जुगनू कभी तितली के पीछे मेरा बचपन अभी तक भागता है सभी के खून में गैरत नही पर लहू सब की रगों में दोड़ता है जवानी क्या मेरे बेटे पे आई मेरी आँखों में आँखे डालता है चलो हम भी किनारे बैठ जायें ग़ज़ल ग़ालिब सी दरिया गा रहा है तशनगी - प्यास / / ग़ज़ल // सहमा सहमा हर इक चेहरा...
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