तसमई का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- संपूर्ण देश की परम्परा के अनुसार छत्तीसगढ़ में भी शरद पुर्णिमा के दिन शाम को खीर ( तसमई ) , पुरी बनाकर भगवान को भोग लगाए जाते हैं एवं खीर को छत पर रख कर चंद्रमा से अमृत वर्षा की कामना की जाती है।
- कहती है हम तो सदा से ऐसे ही थे , ज़रा मक्कार ज़रा भोले , गर्मी के दिन में पानी के छपाके सुरमई तसमई तासीर , ठंडी सर्द तासीर जैसे ठंडी आह के रसीले लजीले अफसाने औरत झुकती सचमुच शरमाती है , नीम बिस्मिल कई होंगे ....
- कहती है हम तो सदा से ऐसे ही थे , ज़रा मक्कार ज़रा भोले , गर्मी के दिन में पानी के छपाके सुरमई तसमई तासीर , ठंडी सर्द तासीर जैसे ठंडी आह के रसीले लजीले अफसाने औरत झुकती सचमुच शरमाती है , नीम बिस्मिल कई होंगे ....
- बुन्देलखण्ड के विशिष्ट व्यंजनों में डुबरी , रसयावर , फरा , चीला , सतुआ , खींचला , कचरियां , खुरमा , मालपुआ , तसमई , सन्नाटौ , गुलगुला , मगौरा , गुझिया , पपरियां , ठड़ूला , सुरा आदि बहुत से हैं जो लोक को ने केवल हष्टपुष्ट रखते हैं ।
- बुन्देलखण्ड के विशिष्ट व्यंजनों में डुबरी , रसयावर , फरा , चीला , सतुआ , खींचला , कचरियां , खुरमा , मालपुआ , तसमई , सन्नाटौ , गुलगुला , मगौरा , गुझिया , पपरियां , ठड़ूला , सुरा आदि बहुत से हैं जो लोक को ने केवल हष्टपुष्ट रखते हैं ।