तिरलोक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बालक राम का चेहरा आँचल के नीचे से निकालकर हिरणी के सामने कर दिया - ” देख तो री हिरणी , कैसे अपरूप लग रहे हैं मेरे रामलला ! इस साँवरी सूरत पर तो मैं सारा तिरलोक भी निछावर कर दूँ।
- आलोक किसी के दुःख में तो क्या , घमंड की वजह से किसी के सुख में भी शामिल होकर राजी न था , जबकि तिरलोक की प्रवृत्ति ऐसी थी कि एक बार किसी के सुख में भले ही न जाए , परंतु दुःख में अवश्य शरीक होता था।
- इस अवसर पर लीगल सैल के जिला प्रधान शमशेर सिंह मलिक बार के पूर्व प्रधान अमर सिंह मलिक , अशोक भारद्वाज , दीपक सडाना , सचिव अमन चीमा , कुंवर विक्रम सिंह , रणधीर सिंह खेड़ी , मेहर सिंह मलिक , धर्म सिंह ढांडा , रतन सिंह , नसीब पलवल , हरदयाल सिंह तथा तिरलोक ङ्क्षसह मौजूद थे।
- इस मौके पर गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान मोहन सिंह , गुरदीप सिंह, प्रीतम सिंह, तिरलोक सिंह, वस्सन सिंह, बलजिंदर सिंह, तिरलोक सिंह, विन्नर महाजन, संजय महाजन, मनोज गुप्ता, कमल खजूरिया, शशि शर्मा, डा. कुलदीप सिंह, मुलखराज नडाला, बॉबी सूरी, रूप सिंह मल्लियां, नवतेज सिंह जकडिया, सुदेश कुमार, पिंदर पाल सिंह राजू, बलदेव सिंह, गुरनाम सिंह, लखविंदर सिंह, तरसेम सिंह चंद्रभान, सरपंच कुलविंदर सिंह चिट्टी आदि मौजूद थे।
- इस मौके पर गुरुद्वारा सिंह सभा के प्रधान मोहन सिंह , गुरदीप सिंह, प्रीतम सिंह, तिरलोक सिंह, वस्सन सिंह, बलजिंदर सिंह, तिरलोक सिंह, विन्नर महाजन, संजय महाजन, मनोज गुप्ता, कमल खजूरिया, शशि शर्मा, डा. कुलदीप सिंह, मुलखराज नडाला, बॉबी सूरी, रूप सिंह मल्लियां, नवतेज सिंह जकडिया, सुदेश कुमार, पिंदर पाल सिंह राजू, बलदेव सिंह, गुरनाम सिंह, लखविंदर सिंह, तरसेम सिंह चंद्रभान, सरपंच कुलविंदर सिंह चिट्टी आदि मौजूद थे।
- उसके पश्चात त्रिलोक ने पूछा , ' मेरी याद कैसे आ गई भैया ? ' ' देखो तिरलोक ! ' आलोक ने कहा , ' तुम मुझे सच − सच बता दो कि तुम इतना सारा धन कहाँ से लाए हो ? तुम्हें कहीं से कोई खजाना मिल गया है या बापू की कोई रकम तुम छिपाए हुए थे ? ' भोले त्रिलोक ने बैर − विरोध भूलकर सारी घटना सच − सच सुना दी कि किस प्रकार वरुण देव ने उसे वरदान दिया था।