तैत्तिरीय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- - तैत्तिरीय उपनिषद ब्रह्मांड का मूलक्रम- अनंत-महत्-अंधकार-आकाश-वायु-अग्नि-जल-पृथ्वी।
- प्रश्न , मण्डूक, माण्डूक्य, तैत्तिरीय, ऐतरेय, छान्दोग्य, कौषीतकी,
- शतपथ ब्राह्मण , तैत्तिरीय ब्राह्मण , वृहदारण्यक
- शतपथ ब्राह्मण , तैत्तिरीय ब्राह्मण , वृहदारण्यक
- इसका दूसरा नाम तैत्तिरीय संहिता भी है।
- इसकी मुख्य शाखायें हैं- तैत्तिरीय , मैत्रायणी, कठ और कपिष्ठल
- तैत्तिरीय ब्राह्मण में सत्य के बारे में लिखा है।
- इसका संबंध कृष्ण यजुर्वेद की तैत्तिरीय शाखा से है।
- तदनुसार यज्ञोपवीत का सर्वप्रथम उल्लेख तैत्तिरीय आरण्यक में है।
- कठशाखा पंजाब में तथा तैत्तिरीय और मैत्रायणी शाखाएॅ क्रमश :