थूहड़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मेरी शहरी सन्तानों द्वारा यत्नपूर्वक लगवाये गये कैक्टसों को देख कर चकित हो कर बच्चा अपने पिता से कहता है , “ बाबू , हियाँ थूहड़े थूहड़ लगे हैं , कइसे निकली ” ( यहाँ थूहड़ ही थूहड़ लगे हैं किस प्रकार निकलूँ ) .
- मेरी शहरी सन्तानों द्वारा यत्नपूर्वक लगवाये गये कैक्टसों को देख कर चकित हो कर बच्चा अपने पिता से कहता है , “ बाबू , हियाँ थूहड़े थूहड़ लगे हैं , कइसे निकली ” ( यहाँ थूहड़ ही थूहड़ लगे हैं किस प्रकार निकलूँ ) .
- अगर हाँ तो फिर नयी पीढ़ी के प्रति मैं आशावान हूँ , क्योंकि मुझे विश्वास है कि फैशन के बदलते हुए मापदण्ड मेरे घर के कैक्टस को किन्ही अन्य उपकरणों से स्थानापन्न कर देंगे , परन्तु जमीन फ़ोड़ कर उगे हुए थूहड़ , खेतों की रक्षा करेंगे .
- “और मैं उसे कन्धे पर डालकर चला दिया . ..रास्ते में... क़् या कह रहा था मैं...हाँ , रास्ते में...नहर की पटरी के पास , थूहड़ की झाड़ियों तले मैंने उसे लिटा दिया - पहले सोचा कि फेंटूँ , फिर खयाल आया कि नहीं... '' यह कहते-कहते ईशरसिंह की जबान सूख गयी।
- “और मैं उसे कन्धे पर डालकर चला दिया . ..रास्ते में... क़् या कह रहा था मैं...हाँ , रास्ते में...नहर की पटरी के पास , थूहड़ की झाड़ियों तले मैंने उसे लिटा दिया - पहले सोचा कि फेंटूँ , फिर खयाल आया कि नहीं... '' यह कहते-कहते ईशरसिंह की जबान सूख गयी।
- ' ' और मैं उसे कन्धे पर डालकर चला दिया...रास्ते में... क़् या कह रहा था मैं...हाँ , रास्ते में...नहर की पटरी के पास , थूहड़ की झाड़ियों तले मैंने उसे लिटा दिया - पहले सोचा कि फेंटूँ , फिर खयाल आया कि नहीं... '' यह कहते-कहते ईशरसिंह की जबान सूख गयी।
- ' ' और मैं उसे कन्धे पर डालकर चला दिया...रास्ते में... क़् या कह रहा था मैं...हाँ , रास्ते में...नहर की पटरी के पास , थूहड़ की झाड़ियों तले मैंने उसे लिटा दिया - पहले सोचा कि फेंटूँ , फिर खयाल आया कि नहीं... '' यह कहते-कहते ईशरसिंह की जबान सूख गयी।
- झुटलाने वालो { 51 } ज़रूर थूहड़ के पेड़ में से खाओगे { 52 } फिर उससे पेट भरोगे { 53 } फिर उस पर खौलता पानी पियोगे { 54 } फिर ऐसा पियोगे जैसे सख़्त प्यासे ऊंट पियें ( 9 ) { 55 } ( 9 ) उनपर ऐसी भूल मुसल्लत की जाएगी कि वो बेचैन होकर जहन्नम का जलता थूहड़ खाएंगे फिर जब उससे पेट भर लेंगे तो उनपर प्यास मुसल्लत की जाएगी जिससे बेताब होकर ऐसा खौलता पानी पियेंगे जो आँते काट डालेगा .
- झुटलाने वालो { 51 } ज़रूर थूहड़ के पेड़ में से खाओगे { 52 } फिर उससे पेट भरोगे { 53 } फिर उस पर खौलता पानी पियोगे { 54 } फिर ऐसा पियोगे जैसे सख़्त प्यासे ऊंट पियें ( 9 ) { 55 } ( 9 ) उनपर ऐसी भूल मुसल्लत की जाएगी कि वो बेचैन होकर जहन्नम का जलता थूहड़ खाएंगे फिर जब उससे पेट भर लेंगे तो उनपर प्यास मुसल्लत की जाएगी जिससे बेताब होकर ऐसा खौलता पानी पियेंगे जो आँते काट डालेगा .
- फिर उससे पेट भरेंगे { 66 } फिर बेशक उनके लिये उस पर खौलते पानी की मिलौनी ( मिलावट ) है ( 46 ) { 67 } ( 46 ) यानी जहन्नमी थूहड़ से उनके पेट भरेंगे , वह जलता होगा , पेटों को जलाएगा , उसकी जलन से प्यास का ग़लबा होगा और मुद्दत तक वो प्यास की तकलीफ़ में रखे जाएंगे फिर जब पीने को दिया जाएगा तो गर्म खौलता पानी उस गर्मी और जलन , उस थूहड़ की गर्मी और जलन से मिलकर और तकलीफ़ और बेचैनी बढ़ाएगी .