दयित का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- देना भेज , उचित जब समझो, मुझसे जनित तनय पर जभी पड़ेगी दृष्टि दयित की, वज्र आन टूटेगा; गरज उठेगा भरत-शाप मैं पराधीन पुतली-सी खिंची हुई क्षिति छोड़ अचानक स्वर्ग चली जाऊँगी.
- भूल गए क्यॉ दयित , हाय, उस नीरव, निभृत निलय में बैठी है कोई अखंड व्रतमयी समाराधन में, अश्रुमुखी माँगती एक ही भीख त्रिलोक-भरन से, कण्-भर भी मत अकल्याण् हो प्रभो! कभी स्वामी का.
- पति , मर्द, शौहर, घरवाला, मियाँ, आदमी, ख़सम, खसम, स्वामी, अधीश, नाथ, कांत, कंत, परिणेता, वारयिता, दयित - स्त्री की दृष्टि से उसका विवाहित पुरुष “शीला का आदमी किसानी करके परिवार का पालन-पोषण करता है“
- श्री चैतन्य महाप्रभु की धारा में जगदगुरू श्रील भक्ति दयित माधव गोस्वामी महाराज जी के प्रियतम शिष्य व श्री चैतन्य गौड़ीय मठ के वर्तमान आचार्य श्रीलं भक्ति वल्लभ तीर्थ गोस्वामी महाराज आज उसी कृष्ण प्रेम को वितरित कर रहे हैं।
- भूल गए क्यॉ दयित , हाय , उस नीरव , निभृत निलय में बैठी है कोई अखंड व्रतमयी समाराधन में , अश्रुमुखी माँगती एक ही भीख त्रिलोक-भरन से , कण्-भर भी मत अकल्याण् हो प्रभो ! कभी स्वामी का .
- रही समेटे अलंकार क्यॉ लज्जामयी विधु-सी ? बिखर पड़ी क्यॉ नहीं कुट्टमित, चकित, ललित,लीला में? बरस गई क्यॉ नहीं घेर सारा अस्तित्व दयित का मैं प्रसन्न,उद्दाम, तरंगित, मदिर मेघ-माला-सी? हार गई मैं हाय! अनुत्तम, अपर ऋद्धि जीवन की प्राणॉ के प्रार्थना-भवन में बैठी ध्यान लगाकर.
- रही समेटे अलंकार क्यॉ लज्जामयी विधु-सी ? बिखर पड़ी क्यॉ नहीं कुट्टमित , चकित , ललित , लीला में ? बरस गई क्यॉ नहीं घेर सारा अस्तित्व दयित का मैं प्रसन्न , उद्दाम , तरंगित , मदिर मेघ-माला-सी ? हार गई मैं हाय ! अनुत्तम , अपर ऋद्धि जीवन की प्राणॉ के प्रार्थना-भवन में बैठी ध्यान लगाकर .
- औशीनरी पतिव्रते ! पर , हाय , चोट यह कितनी तिग्म , विषम है / कैसी अवमानना 1 प्रतारण कितना तीव्र गरल-सा मैं अवध्य , निर्दोष , विचारा यह क्यॉ नहीं दयित ने ? छला किसी ने और व्ज्र आ गिरा किसी के सिर पर गँवा दिया सर्वस्व हाय , मैने छिप कर छाया में , अस्वीकृत कर खुली धूप में आंख खोल चलने से .