दैवत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- चतुर्थ अध्याय को नैगम काण्ड व पंचम अध्याय को दैवत काण्ड कहते हैं।
- इनके संस्थापक पीर शिवनाथजी हैं उनका मुख्य दैवत “गोरक्षनाथ” है और इनमें बारा पंथ हैं।
- परलगांवमें पथनाट्य प्रस्तुत करते समय कार्यकर्ताओंद्वारा हिंदुओंके आराध्य दैवत भगवान श्रीकृष्णका अनादर किया गया ।
- चतुर्थ अध्याय में “ नैगम ” शब्द और पंचम अध्याय में “ दैवत ” शब्द एकत्रित किए गए हैं।
- इनमें से कुछ ये हैं - भगवद्गीता , उपनिषद् भाष्य ग्रंथमाल, ऋग्वेद संहिता, दैवत संहिता, महाभारत, यजुर्वेद, वैदिक व्याख्यानमाला, इत्यादि।
- कृष्ण के व्यक्तित्व के लालित्य और माधुर्य के साथ उनके दैवत रूप की प्रतिष्ठा 12वीं शताब्दी तक और अधिक दृढ़ता के साथ हो गयी थी।
- दैवत काण्ड के 6 खंडों की पद संख्या 3 , 13 , 32 , 36 व 31 हैं , जिनमें विभिन्न वैदिक देवताओं के नाम हैं।
- कृष्ण के व्यक्तित्व के लालित्य और माधुर्य के साथ उनके दैवत रूप की प्रतिष्ठा 12 वीं शताब्दी तक और अधिक दृढ़ता के साथ हो गयी थी।
- कृष्ण के व्यक्तित्व के लालित्य और माधुर्य के साथ उनके दैवत रूप की प्रतिष्ठा 12 वीं शताब्दी तक और अधिक दृढ़ता के साथ हो गयी थी।
- किंतु इन दस अवतारों में भी राम और कृष्ण अधिक महत्त्व प्राप्त करते गए और अंततः समस्त उत्तर भारत की दैवत भावना इन्हीं में केंद्रीभूत हो गई।