नन्हाँ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- जबलपुर का यह नन्हाँ बच्चा देखते-देखते इतना बड़ा हो जाएगा किसी ने कभी सोचा न था ।
- पता नहीं कब और कैसे उसकी आँखों के आगेव्हील-चेयर घूम जाती और सामने वाला बन्दा नन्हाँ हो जाता उसकी निगाह में .
- इस कहानी के केंद्र में एक नन्हाँ बालक ‘ वरजा ' है जिसकी माँ तूफ़ानी सुनामी को भेट चढ़ चुकी है , और है कोमल-ह्रदया अविवाहित , लोक-सेवा को समर्पित , डा . शेफाली।
- नन्हाँ तब पाँच का हो चला था . एक भरपूर तमाचा पड़ने के बाद जैसे आँख के आगे छाये घटाटोप अँधेरे के बीचचिन्गारियाँ छूटती हैं, वैसी ही चिन्गारियाँ समेटे संतोखी `नारायण विला 'से भागा था यकायक.
- कहाँ होगी फ़ियोना ? कहाँ होंगे रॉनी और शर्लीन ? और कहाँ होगा नन्हाँ बेन ? हमने एक-दूसरे को पिछले वर्ष ममा के जनाज़े के वक्त क़ब्रगाह में एक दूसरे को दूर से देखा था।
- ? तो नन्हाँ ब्लागिया चिन्मय , उसका दोस्त गुरू यानी अनुभव इतने उदास थे कि अपने दोस्तों से कुट्टी कर ली , गुमसुम घर में बैठे बतिया रहे थे- ” मेरे दोस्तों ने शायद वोट नहीं किये अपने आभास को ...
- वह गूँज जो मंदिरों की घंटियो से उट्ठी थी गिरजों की दीवारों में घटी थी मस्जिदों के गुम्बंदो में गूंजती हुई कहीं दूर बियाबानो में खो गई थी लेकिन किसी सुनसान सी पगडण्डी के किनारे किसी गरीब की टूटी हुई झोंपड़ी में एक नन्हाँ सा दिया
- - मेरा परिवार - ममता से भरी मॉं प्यार से भरे पापा छोटी बहिना और नन्हाँ - सा भैया , यह है मेरा परिवार और हॉं ! एक दादी भी है जो मुझे समझाती हैं हमेशा अपने वक्त की बातें और रोज सुनाती हैं किस्से - कहानी सोने से पहले।
- नन्हाँ अंटू भी ज्ञानियों की मुद्रा बनाकर जिज्ञासावश बाबा से पूछता , `आपने किसका बुरा किया है बाबा जो माँ और बापू तुमसे कभी सीधे मुँह बात नहीं करते? 'भरी हुई आँखों से बाबा नन्हें अंटू को अपनी छाती से चिपका लेते. आँखों में सारा जीवन किसी देवता की तरह जीवित हो उठता. बाबा को लगता अंटू उनका बचपन है, जहाँ से यात्रा आरम्भ होती है. बचपन के किसी रास्ते पर उड़ती धूल में बाबा कहीं खो जाते..
- आशा है आपको पसंद आयेगें . ......धन्यवाद । हमारी ही मुठ्ठी में आकाश सारा जब भी खुलेगी चमकेगा तारा कभी ना ढले जो, वो ही सितारा दिशा जिस से पहचाने संसार सारा हथेली पे रेखायें हैं सब अधूरी किस ने लिखीं हैं नहीं जानना है सुलझाने उनको ना आयेगा कोई समझना है उनको ये अपना करम है अपने करम से दिखाना है सब को खुद का पनपना, उभरना है खुद को अंधेरा मिटाये जो नन्हाँ शरारा दिशा जिस से.....