नमेरु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पुन्नाग , सुरपुन्नाग , सुल्तान चम्पा , सुरपर्णिका , सुरतुंग , सुरेष्ठ , नागपुष्प , प्रमुखः , तुंग , सुरपुन , उंडी आदि नाम नमेरु के ही हैं ।
- कवि प्रसिद्धि है कि स्त्रियों के गान से नमेरु स्वतः ही विकसित होकर खिलखिला उठता है , और शायद यही मधुगान ही नमेरु में पुंकेसरों के स्वरूप में अभिव्यक्त हो उठता है ।
- कवि प्रसिद्धि है कि स्त्रियों के गान से नमेरु स्वतः ही विकसित होकर खिलखिला उठता है , और शायद यही मधुगान ही नमेरु में पुंकेसरों के स्वरूप में अभिव्यक्त हो उठता है ।
- शिव का समाधिस्थल तो इन नमेरु वृक्ष की शाखाओं की छाया से आच्छन्न था ही , शिव के गण भी नमेरु पुष्पों के विभिन्न आभूषण धारण कर पार्वत्य औषधों से व्याप्त उन शिलाओं पर आसीन थे ।
- शिव का समाधिस्थल तो इन नमेरु वृक्ष की शाखाओं की छाया से आच्छन्न था ही , शिव के गण भी नमेरु पुष्पों के विभिन्न आभूषण धारण कर पार्वत्य औषधों से व्याप्त उन शिलाओं पर आसीन थे ।
- कैसा विश्वास है कि वयःसंधि में प्रतिबुद्ध कोई बाला यदि बायें पैर से अशोक को लताड़ दे ( मेंहदी लगाकर), या झुकती आम्र-शाख पर तरुण निःश्वांस छोड़ दे, स्मित बिखेर दे चम्पक के सम्मुख, गुनगुनाये नमेरु के लिये, आदि, आदि......
- 33 . सुगंधित जल बिन्दुओं और मन्द सुगन्धित वायु के साथ गिरने वाले श्रेष्ठ मनोहर मन्दार , सुन्दर , नमेरु , पारिजात , सन्तानक आदि कल्पवृक्षों के पुष्पों की वर्षा आपके वचनों की पंक्तियों की तरह आकाश से होती है | 34 .
- 33 . सुगंधित जल बिन्दुओं और मन्द सुगन्धित वायु के साथ गिरने वाले श्रेष्ठ मनोहर मन्दार , सुन्दर , नमेरु , पारिजात , सन्तानक आदि कल्पवृक्षों के पुष्पों की वर्षा आपके वचनों की पंक्तियों की तरह आकाश से होती है | 34 .
- कैसा विश्वास है कि वयःसंधि में प्रतिबुद्ध कोई बाला यदि बायें पैर से अशोक को लताड़ दे ( मेंहदी लगाकर ) , या झुकती आम्र-शाख पर तरुण निःश्वांस छोड़ दे , स्मित बिखेर दे चम्पक के सम्मुख , गुनगुनाये नमेरु के लिये , आदि , आदि ......
- यह अनावश्यक नहीं कि वृक्ष-दोहद की महत्वपूर्ण क्रिया जो अनेक स्त्री-क्रिया-व्यवहारों से सम्पन्न होती हो उसमें स्त्री के गायन मात्र से पुष्पोद्गम या वृक्षॊ के विकास के कार्य सम्पादित होने का कोई उल्लेख हो ! स्त्री के इस सु-स्वभाव और नमेरु के सुरूप ने अत्यन्त आकर्षित किया मुझे ।