नरमेघ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ' कवि की रसोई ' , ' नरमेघ के नायक ' और ' तानाशाह की तितली ' जैसी कविताएं दूर तक अपना असर बनाये रखती हैं।
- ' कवि की रसोई ' , ' नरमेघ के नायक ' और ' तानाशाह की तितली ' जैसी कविताएं दूर तक अपना असर बनाये रखती हैं।
- लेकिन मैं ये सवाल किससे कर रहा हूं ? जब देश का पक्ष और विपक्ष ही इस नरमेघ में शामिल है तो फिर सवाल किससे और क्यों ? शायद , मैं मूर्खों के स्वर्ग में रह रहा हूं !
- स्वर्ण देश , यंत्र दैत्य, अणुपति, पराविधुता, डिक्टा-ट्रोन, काम कन्या, लोहदेशके अतिनायक, मनदोहक, रणवादी, गुप्तवधिक तथा शान्ति देशके कृषि कुमार, वन्या तथा जगमोहन आदिकीभूमिका और क्रियाकलापों द्वारा सामूहिक नरमेघ, अनुछत्रोंको लिसाके मूलमेंअत्यायक समस्याओंको सशक्त शब्दावली और संकेतोंमें दोहराया गयाहै, जिसेमानव-सन्तति युगयुगान्तरसे सुल-झानेमें लगीहै.
- नरमेघ यज्ञ के हवनकुंड का पुरोडाश , कुछ और नहीं ! अस्तित्व तुम्हारा प्यादे का , क्यों करते इसपर गौर नहीं ! भारत हो जाए खंड-खंड , उत्कर्ष धूल में मिल जाये ! गंगा की पावन धारा में , हालाहल तीखा घुल जाये !! .
- दिल्ली के प्रचण्ड घेरे , कानपुर का महान नरमेघ, साम्राज्य का ध्वजोत्तोलन एवं उस ध्वज को फहराते रखने के लिए संग्राम करते-करते अनेक शूरवीरों का आत्माहुति देना और इसी प्रकार के अनेक स्फूर्तिदायक कृत्या क्या एक अत्यन्त ही स्फूर्तिदायक साध्य के अभाव में संभव हो सकते थे?
- अभी नहीं , तो अभी नहीं की मुद्रा में बुद्धि को शून्य कर देने वाला नरमेघ का अन्यतम उत्सव था इज्जत बचाने के लिए सड़कों पर चीत्कार करतीं निर्वस्त्र स्त्रियों को इस लायक भी नहीं समझा गया कि अपने स्तनों को बचाए रख सकें, सब ग़ैर धर्म के भ्रूण थे न!
- यदि प्राकृतिक आवेगों जिसमें मुख्यतः विकृतियां ही होती है को प्राकृतिक नियम की तरह स्वीकार कर व्यवहार किया जाय तो प्राकृतिक आवेग तो नरमेघ या नरभक्षण का भी आ सकता है , क्या उसे प्राकृतिक नियम मानकर , सामान्य वर्तन में लिया जाना चाहिए ? ईष्या , द्वेष , क्रोध , लोभ , प्रतिशोध आदि प्राकृतिक आवेग-आवेश है , इसी के दमन के लिए प्रतिपक्ष है ' धर्म ' ।