नागबला का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- सर्दियां बलकारक व रसायन औषधियों के प्रयोग का सही मौसम है इसलिए प्रतिदिन च्यवनप्राश , अश्वगंधा चूर्ण , नागबला चूर्ण , अर्जुन का चूर्ण आदि का सेवन हृदयरोगियों के लिए बहुत लाभकारी हैं ।
- सर्दियां बलकारक व रसायन औषधियों के प्रयोग का सही मौसम है इसलिए प्रतिदिन च्यवनप्राश , अश्वगंधा चूर्ण , नागबला चूर्ण , अर्जुन का चूर्ण आदि का सेवन हृदयरोगियों के लिए बहुत लाभकारी हैं ।
- नागबला गंगरेन : नागबला गंगरेन मधुर , अम्ल , कषैला , गर्म , भारी , तीखा , कफ ( बलगम ) और वात को खत्म करता है , यह घाव को भरती है , और पित्त का नाश करती है।
- नागबला गंगरेन : नागबला गंगरेन मधुर , अम्ल , कषैला , गर्म , भारी , तीखा , कफ ( बलगम ) और वात को खत्म करता है , यह घाव को भरती है , और पित्त का नाश करती है।
- नागबला गंगरेन : नागबला गंगरेन मधुर , अम्ल , कषैला , गर्म , भारी , तीखा , कफ ( बलगम ) और वात को खत्म करता है , यह घाव को भरती है , और पित्त का नाश करती है।
- -गोखरू बीज , तालमखाना बीज , शतावरी , कौंच बीज , नागबला की जड़ , अतिबला की जड़ इन सब को मोटा-मोटा कूटकर कर 2.5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सुबह शाम लेने से पौरुष शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है !
- -गोखरू बीज , तालमखाना बीज , शतावरी , कौंच बीज , नागबला की जड़ , अतिबला की जड़ इन सब को मोटा-मोटा कूटकर कर 2.5 ग्राम की मात्रा में दूध के साथ सुबह शाम लेने से पौरुष शक्ति में बढ़ोत्तरी होती है !
- * 10-10 ग्राम धाय के फूल , नागबला, शतावरी, तुलसी के बीज, आंवला, तालमखाना और बोलबीज, 5-5 ग्राम अश्वगंध, जायफल और रूदन्तीफल, 20-20 ग्राम सफेद मूसली, कौंच के बीज और त्रिफला तथा 15-15 ग्राम त्रिकटु, गोखरू को एक साथ जौकुट करके चूर्ण बना लें।
- * 10-10 ग्राम धाय के फूल , नागबला, शतावरी, तुलसी के बीज, आंवला, तालमखाना और बोलबीज, 5-5 ग्राम अश्वगंध, जायफल और रूदन्तीफल, 20-20 ग्राम सफेद मूसली, कौंच के बीज और त्रिफला तथा 15-15 ग्राम त्रिकटु, गोखरू को एक साथ जौकुट करके चूर्ण बना लें।
- बला के आयुर्वेदिक यो ग गोक्षुरादि चूर्ण : नागबला, अतिबला, कौंच के शुद्ध (छिलकारहित) बीज, शतावर, तालमखाना और गोखरू, सब द्रव्य बराबर वजन में लेकर कूट-पीस-छानकर महीन चूर्ण करके मिला लें और छन्नी से तीन बार छान लें, ताकि सब द्रव्य अच्छी तरह मिलकर एक जान हो जाएं।