नैऋत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मथुरा के छह मील दक्षिण और मधुवन दो मील दूर और नैऋत कोण में यह तालवन है।
- दक्षिण में चम्पकलता सखी का सुवर्णकमलाकार चम्पकलतानन्द कुञ्ज है और नैऋत कोण में नीलमणिकमलाकार रंगदेवीसुखद रंगदेवी का कुञ्ज है ।
- दक्षिण में चम्पकलता सखी का सुवर्ण कमलाकार चम्पक लता नन्द कुञ्ज है और नैऋत कोण में नीलमणि कमलाकार रंगदेवीसुखद रंगदेवी का कुञ्ज है।
- पतले और ऊँचे बादल कस या कसवाड़ और पश्चिम-दक्षिण कोण ( नैऋत ) से उठकर पूर्व-उत्तर कोण ( ईशान ) की और जाते बादल ऊँब कहलाते हैं।
- उनके अनुसार , पूर्व से दक्षिण की ओर ये प्रतिमाएँ इस प्रकार होनी चाहिए : इन्द्र , अग्नि , यम , नैऋत , वरूण , वायु , कुबेर एवं शिव।
- उनके अनुसार , पूर्व से दक्षिण की ओर ये प्रतिमाएँ इस प्रकार होनी चाहिए : इन्द्र , अग्नि , यम , नैऋत , वरूण , वायु , कुबेर एवं शिव।
- यथा-पूर्व के इन्द्र , अग्निकोण के वह्रि, दक्षिण के यम, नैऋत्यकोण के नैऋत, पश्चिम के वरूण, वायु कोण के मरूत्, उत्तर के कुबेर, ईशान कोण के ईश, ऊर्ध्व दिशा के ब्रह्मा और अधो दिशा के अनंत।
- आवास स्थल में उत्तम चुंबकीय किरणों का पभाव बनाये रखने के लिये पूर्व , उत्तर व ईशान दिशा में जगह का खुला एवं ढलान तथा दक्षिण , पश्चिम व नैऋत दिशा को ऊंचा , मजबूत एवं ढका हुआ होना अत्यंत आवश्यक है।
- वास्तु में पृथक दिशा के लिये अलग-अलग तत्व दिये गये हैं जैसे : ईशान के लिये जल तत्व , आग्नेय के लिये अग्नितत्व , वायव्य के लिये वायु तत्व , नैऋत के लिये पृथ्वी तत्व एवं ब्रह्मस्थल के लिये आकाश तत्व का महत्व है।
- वास्तु में पृथक दिशा के लिये अलग-अलग तत्व दिये गये हैं जैसे : ईशान के लिये जल तत्व , आग्नेय के लिये अग्नितत्व , वायव्य के लिये वायु तत्व , नैऋत के लिये पृथ्वी तत्व एवं ब्रह्मस्थल के लिये आकाश तत्व का महत्व है।