पंचजन का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उन्होंने बाल्यावस्था में ही इन्द्र के घोड़े उच्चै : श्रवा के समान बली, यमुना के वन में रहने वाले हयराज को मार डाला था तथा वृष प्रलंब, नरग, जृम्भ, मुर, कंस आदि का संहार किया था, जल देवता वरुण को पराजित किया था तथा पाताल वासी पंचजन को मारकर पान्चजन्य प्राप्त किया था।
- उन्होंने बाल्यावस्था में ही इन्द्र के घोड़े उच्चै : श्रवा के समान बली , यमुना के वन में रहने वाले हयराज को मार डाला था तथा वृष प्रलंब , नरग , जृम्भ , मुर , कंस आदि का संहार किया था , जल देवता वरुण को पराजित किया था तथा पाताल वासी पंचजन को मारकर पान्चजन्य प्राप्त किया था।
- पंचजन यदि कारकुन से मिलकर मन-ही-मन षड़यंत्र रचें और ज़मीनदार खेत के कागजात माँगने लगे , तो बेचारे किसान की कितनी दयनीय स्थिति होगी ( विस्तार के लिए देखिये सीताराम चतुर्वेदी संपादित सूर ग्रंथावली , खंड 4 , पद 4491 ) सूरदास के पदों का काव्यानुवाद करते समय मैंने इस बात का विशेष ध्यान रक्खा है कि कवि का प्रतिनिधि साहित्य पाठकों तक पहुँचा सकूँ .
- और फिर माया के बादल छँट जाने पर राधा की स्मृतिरूपी चेतना में प्रात : काल के उजाले में उभरते राग भैरवी की भांति कृष्ण की उपस्थिति का नित्यानित्य सम्मोहक चित्र ! जिसके ओझल होते ही वही बिछोह ! माया और ब्रह्म की यह लुका-छिपी ! और एक-एक करके चित्र उभरते जाते हैं उस अनासक्त शौर्य और काम-योगी कृष्ण के कि किस तरह महर्षि संदीपनि के पास विद्याध्यन के दौरान महर्षिपुत्र को पंचजन राक्षस के पेट से जीवित लाकर उन्हें सौंप दिया ( सान्दीपनै : सकृत्प्रोक्तं ब्रह्माधीत्य सविस्तरम्।