पाठभेद का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उपरोक्त श्लोक किंचित पाठभेद ( परन्तु जिससे अर्थ में कुछ भी भेद नही आया ) मनु अध्याय ८ के है !
- स्कंद पुराण प्रभात खंड के इस श्लोक की भांति किंचित पाठभेद से सभी पुराणों में यह श्लोक मिलता है :
- पठन-पाठन में विशेष प्रचलित न होने के कारण वैशेषिक सूत्रों में अनेक पाठभेद हैं तथा ' त्रुटियाँ ' भी पर्याप्त हैं।
- उच्चारण की शुद्धता को इतना सुरक्षित रखा गया कि ध्वनि ओर मात्राएँ , ही नहीं, सहस्रों वर्षों पूर्व से आज तक वैदिक मंत्रों में कहीं पाठभेद नहीं हुआ।
- इस वस्तु से असहमति नहीं हो सकती , तथापि भविष्य पुराण के रचनाकाल के निर्धारण की सबसे बड़ी समस्या है उसकी प्रकाशित उपलब्ध पुस्तकों में पाठभेद का होना।
- कुछ अन्य निघण्टुओं में और भी नाम पाठभेद से दे दिये हैं अथवा सूर्य के बहुत नाम हैं , वे सब आक के हैं उनका उल्लेख भी ग्रंथकारों ने कर दिया है ।
- कुछ अजब नहीं कि दोनों के उद्गम वे समान मंत्र रहे हों जो सर्वत्र ऋषिकुलां में प्रचलित थे और जिनमें से कुछ में स्थान-उच्चारण-भेद के कारण संकलन के समय पाठभेद भी हो गए।
- लट् लकार में प्रयुक्त ' गर्दभा संति गायकाः ' और ' गीतं गायंति गर्दभाः ' दोनों ही व्याकरणिक तौर पर अशुद्ध शायद नहीं हैं , हां पाठभेद ज़रूर हो सकता है , और आपका मौलिक सृजन भी।
- मुन्नी शीला की बदनामी और जवानी पर उछलकूद करने वाले इस दौर में यह फिल्म एक ठुमरी के ऐसे पाठ की खोज कर रही है जो स्त्री के काम की अभिव्यक्ति का सूक्ष्म और स्थूल दोनो पक्षों का पाठभेद है।
- लगभग पंद्रह वर्ष की अवस्था में तैयार हो जाने वाले संत ज्ञानदेव के महान् साहित्यिक कार्य में कालांतर में अनेक पाठभेद होते गए , जिसका संशोधन पहली बार श्री एकनाथ महाराज ने शक संवत् 1506 ( सन् 1584 ) में किया था।