पानक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कुछ के अनुसार निर्वेद शान्त रस का स्थायी भाव है , पर कुछ अन्य विचारक पानक रस की तरह रति, उत्साह आदि आठों स्थायियों को सम्मिलित रूप से शान्त का स्थायी मानने के पक्ष में हैं।
- कुछ के अनुसार निर्वेद शान्त रस का स्थायी भाव है , पर कुछ अन्य विचारक पानक रस की तरह रति , उत्साह आदि आठों स्थायियों को सम्मिलित रूप से शान्त का स्थायी मानने के पक्ष में हैं।
- आयुर्वेद में इस तरह के पानक ( पना) के निर्माण की विधियाँ दी गई हैं, जो औषध गुणों के साथ-साथ गर्मियों में होने वाली जलन, ताप एवं लू, भूख की कमी आदि को दूर करते हैं एवं शरीर की थकावट को दूर करते हैं।
- “पानकरस” का उदाहरण देकर जैसे यह सिद्ध किया गया कि गुड़ मिरिच आदि को मिश्रित करके बनाए जानेवाले पानक रस में अलग-अलग वस्तुओं का खट्टा मीठापन न मालूम होकर एक विचित्र प्रकार का आस्वाद मिलता है , उसी प्रकार यह भी कहा गया कि उस वैचित्र्य में भी आनुपातिक ढंग से कभी खट्टा, कभी तिक्त और इसी प्रकार अन्य प्रकार का स्वाद आ ही जाता है।
- “पानकरस” का उदाहरण देकर जैसे यह सिद्ध किया गया कि गुड़ मिरिच आदि को मिश्रित करके बनाए जानेवाले पानक रस में अलग-अलग वस्तुओं का खट्टा मीठापन न मालूम होकर एक विचित्र प्रकार का आस्वाद मिलता है , उसी प्रकार यह भी कहा गया कि उस वैचित्र्य में भी आनुपातिक ढंग से कभी खट्टा, कभी तिक्त और इसी प्रकार अन्य प्रकार का स्वाद आ ही जाता है।
- “ पानकरस ” का उदाहरण देकर जैसे यह सिद्ध किया गया कि गुड़ मिरिच आदि को मिश्रित करके बनाए जानेवाले पानक रस में अलग-अलग वस्तुओं का खट्टा मीठापन न मालूम होकर एक विचित्र प्रकार का आस्वाद मिलता है , उसी प्रकार यह भी कहा गया कि उस वैचित्र्य में भी आनुपातिक ढंग से कभी खट्टा , कभी तिक्त और इसी प्रकार अन्य प्रकार का स्वाद आ ही जाता है।