पितृतर्पण का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ये स्नान , दान, जप, होम और पितृतर्पण आदि कारने पर अक्षय पुण्य उत्पन्न करने वाली और महान फल देने वाली होती है।
- पौराणिक मान्यता के अनुसार अक्षय तृतीया को किये गये पितृतर्पण , पिन्डदान सहित किसी भी प्रकार का दान अक्षय फलदायी होता है।
- जिस दिन स्नान , दान , तप , व्रत , होम , स्वाध्याय , पितृतर्पण आदि सत्कर्म नहीं किए जाते , वह दिन व्यर्थ होता है।
- जिस दिन स्नान , दान , तप , व्रत , होम , स्वाध्याय , पितृतर्पण आदि सत्कर्म नहीं किए जाते , वह दिन व्यर्थ होता है।
- बुधवार 19 सितंबर से श्राद्धपक्ष शुरू हो रहा है। पितृतर्पण के लिए विख्यात ब्रह्मकपाल में अब तक 80 लोग पिंडदान के लिए बुकिंग करा चुके हैं।
- इस तिथि को पितृतर्पण आदि क्रियाएं की जाती हैं , ब्राह्माणों को भोजन कराया जाता है तथा विभिन्न प्रकार के दान हवन यज्ञादि क्रियाएं भी की जाती हैं।
- पुराण के अनुसार गंगा का कीर्तन करने से अतिपाप , दर्शन से गुरुत्तर पाप व गंगा स्नान व पितृतर्पण से महापातकों के समूह नष्ट हो जाते हैं।
- इस तिथि को पितृतर्पण आदि क्रियाएं की जाती हैं , ब्राह्माणों को भोजन कराया जाता है तथा विभिन्न प्रकार के दान हवन यज्ञादि क्रियाएं भी की जाती हैं।
- अत्रि-स्मृति ( 55 - 58 ) में पितरों के लिए गया जाना , फल्गु-स्नान करना पितृतर्पण करना , गया में गदाधर ( विष्णु ) एवं गयाशीर्ष का दर्शन करना वर्णित है।
- देव तर्पण में जनेऊ सीधा ही रहे , पितृ तर्पण में बायें कन्धो पर और ऋषि तर्पण में गले में लटकना चाहिए , और देव तर्पण में प्रत्येक मन्त्र से एक-एक अंजली , ऋषि तर्पण में दो-दो और पितृतर्पण में तीन-तीन देनी चाहिए।