पुंलिंग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ब्रजभाषा की अपनी रूपगत प्रकृति औकारांत है अर्थात् इसकी एकवचनीय पुंलिंग संज्ञाएँ तथा विशेषण प्राय : औकारांत होते हैं;
- कभी-कभी पुंलिंग में भी प्रयोग देखने को मिल जाता है जिसकी वर्तनी नपुंसक वाली ही रहती है ।
- ब्रजभाषा की अपनी रूपगत प्रकृति औ कारांत है अर्थात् इसकी एकवचनीय पुंलिंग संज्ञाएँ तथा विशेषण प्राय : औकारांत होते हैं;
- ब्रजभाषा में अपना रूपगत प्रकृति औकारांत है यानि कि इसकी एकवचनीय पुंलिंग संज्ञा और विशेषण प्राय : औकारांत होते हैं;
- यही कारण है कि मैंने गीतांजलि के गीतों का अनुवाद करते हुए संबोध् य को पुंलिंग और संबोधनकर्ता को स् त्रीलिंग माना है।
- पवित्र आत्मा शब्द का अनुवाद अरबी भाषा القدس الروح में किया गया है और सभी कुरानों में इसका इस्तेमाल पुंलिंग के रूप में किया गया है .
- हिन्दी में नाक स्त्रीलिंग में है , जैसे मेरी नाक पतली है या लम्बी है आदि , इसके विपरीत कान पुंलिंग में जैसे मेरा कान या मेरे कान ।
- “प्रियस” कोई क्रिया नहीं बल्कि लैटिन का एक तुलनात्मक विशेषण या क्रिया-विशेषण है , यह विशेषण का नपुंसक कर्ताकारक एकवचन रूप है, जिसके पुंलिंग और स्त्रीलिंग कर्ताकारक एकवचन रूप है पूर्व [89] (
- ब्रजभाषा में अपना रूपगत प्रकृति औकारांत है यानि कि इसकी एकवचनीय पुंलिंग संज्ञा और विशेषण प्राय : औकारांत होते हैं ; जैसे खुरपौ , यामरौ , माँझौ आदि संज्ञा शब्द औकारांत हैं।
- पुंलिंग एकवन शब्दों की आकारांत रचना और इनसे विशेषण और क्रिया का सामंजस्य , संज्ञाओं और सर्वनामों के प्रत्यक्ष और तिर्यक् रूप, क्रियाओं कालादि भेद से जुड़नेवाले प्रत्यय दोनों भाषाओं में प्राय: एक से हैं।