पुष्यामृत योग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यदि पुष्य नक्षत्र रविवार या गुरुवार को आ जाता है तो ऐसे रवि पुष्यामृत योग में तंत्र साधना , मंत्र साधना , गुरु मंत्र ग्रहण , औषधि निर्माण एवं ग्रहण और योग , उपासना शीघ्र फलदायी होती है।
- गुरु पुष्यामृत योग , रविपुष्य योग , दीवाली , गणेश चतुर्थी , नव संवत्सरारंभ , नव वर्ष के दिन , बुधवार को अथवा अपने मन को अच्छी लगने वाली किसी शुभ तिथि या पर्व आदि के दिन इसे लगाया जा सकता है।