पैजनी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कन्नगी के पति ‘कोवालन ' पर मदुरै राज्य की महारानी की पैजनी (पायल) चुराए जाने का आरोप लगा कर उसे मृत्यु दंड दे दिया जाता है.
- कन्नगी के पति ‘ कोवालन ' पर मदुरै राज्य की महारानी की पैजनी ( पायल ) चुराए जाने का आरोप लगा कर उसे मृत्यु दंड दे दिया जाता है .
- जिला पंचायत रायपुर द्वारा ग्राम पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन निर्माण के लिए दी गई मंजूरी में बलौदाबाजार विकास खण्ड की ग्राम पंचायत चंगोरी , पैजनी, करमदा, लटुव, रिसदा, सरियाडीह शामिल है।
- जिला पंचायत रायपुर द्वारा ग्राम पंचायतों में राजीव गांधी सेवा केन्द्र भवन निर्माण के लिए दी गई मंजूरी में बलौदाबाजार विकास खण्ड की ग्राम पंचायत चंगोरी , पैजनी, करमदा, लटुव, रिसदा, सरियाडीह शामिल है।
- अच्छा चांदी की करधन या पैजनी कैसी रहेगी ? “ आपको मालूम भी है सोने चांदी का दाम ” -इन दिनों आसमान पर है भाव -कोई पैजनी या करधन ही कम से कम दो ढाई हजार से कम की नहीं मिलगी ..
- अच्छा चांदी की करधन या पैजनी कैसी रहेगी ? “ आपको मालूम भी है सोने चांदी का दाम ” -इन दिनों आसमान पर है भाव -कोई पैजनी या करधन ही कम से कम दो ढाई हजार से कम की नहीं मिलगी ..
- सुंदरी कुमारियाँ रत्नावलियाँ कंठ में धारित कर , लोघ्ररेणु से कपोल-संस्कार कर , कमर में स्वर्ण-करधनी और पैरों में जड़ाऊ पैजनी पहन , आलक्तक पैरों को कुसुम स्तवकवाले उपानहों से सज्जित करके कोमल तंतुवाद्य और गम्भीर घोष मृदंग की धमक शुद्ध-स्वर-ताल पर उठाने-गिराने और भू पर आघात करने लगी।
- चंचल मन अनगिनत इच्छाओं , कामनाओं और वासनाओं की पैजनी बांधे आसक्ति और तिरस्कार के थाप पर करता रहता है नर्तन आठों याम , मीठी-तीखी संवेदनाओं के रूप में कराता है सुरापान और मैं कष्ट भोगी लडखडाता , डगमगाता अश्रु और प्रसन्नता के पथ पर चल रहा हूँ चलता ही जा रहा हूँ निरंतर .
- स्त्री-चरणों के नुपूर , पायल , पैजनी तथा तोडल , मध्य भाग के कटिबंध , मणि झालर तथा स्वर्णपटि्टका , वक्ष की दो लड़ी से सात लड़ी तक की मणिमाला , वैजयंतीमाला , मोहनमाला , हार विदानी और बीजक पूरक , हाथों के स्वर्ण वलय , मणिकंठान , भुजबंध , गजरा , बधमुंहा , चूड़ा बंगरी तथा बबूल फली , बोहटा आदि माथे की बिंदिया , दामिनी , शीश फूल और सिर की पुष्पमाला , पुष्पमुकुट , जटामुकुट , मुक्तादाम तथा स्वर्ण शृंखलाओं का अंकन भी कुशलता के साथ किया गया है।
- स्त्री-चरणों के नुपूर , पायल , पैजनी तथा तोडल , मध्य भाग के कटिबंध , मणि झालर तथा स्वर्णपटि्टका , वक्ष की दो लड़ी से सात लड़ी तक की मणिमाला , वैजयंतीमाला , मोहनमाला , हार विदानी और बीजक पूरक , हाथों के स्वर्ण वलय , मणिकंठान , भुजबंध , गजरा , बधमुंहा , चूड़ा बंगरी तथा बबूल फली , बोहटा आदि माथे की बिंदिया , दामिनी , शीश फूल और सिर की पुष्पमाला , पुष्पमुकुट , जटामुकुट , मुक्तादाम तथा स्वर्ण शृंखलाओं का अंकन भी कुशलता के साथ किया गया है।