पौर्णमासी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- श्री षाके 1345 उत्तरायण में पौर्णमासी के दिन फल्गु नक्षत्र आषाढ़ के अन्त में इस पृथ्वी पर चूंड़ामणि की भाँति जिसके युगपद सुषोभित हैं , उसी राजा के द्वारा चम्पावती कुमञां में कुन्ज को भूमि दी गई ।
- समय मयूख प्रष्ट 104 से 116 ; स्मृति कौस्तुम प्रष्ट -270 -271 के अलावा विष्णु धर्म सूत्र , कृत्यरत्नाकर , प्रष्ट -430 -431 ; काल विवेक -प्रष्ट -346 -347 ; और हेमाद्री के काल खंड के प्रष्ट -640 पर पौर्णमासी कृत्यों का विशेष उल्लेख है |
- श्री गोविन्द जी की इच्छाशक्ति हैं भागवत में भगवान की लीलासहायिका है अतः मां योगमाया का योगपीठ में रहना अत्यन्त शुभ है৷ योगपीठ में चैत्र एवं शारदिय नवरात्रों में विशेष पूजा , फूल वंगला , छप्पन भोग , आदि का आयोजन किया जाता है৷ नित्य पूजा यथावत वैष्णवीय रीति से की जाती है৷ ब्रजवासी माताए बहनें मनौतियां मागती है৷ योगमाया देवी ब्रज में पौर्णमासी भगवती के रूप में श्री कृष्ण की लीला सहायिका भी मानी जाती हैं ৷