प्रकीर्णक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ोपण व्रत · शंकरार्क व्रत · प्रजापति व्रत · प्रकीर्णक व्रत · विजया · विजय व्रत ·
- पवित्रारोपण व्रत · शंकरार्क व्रत · प्रजापति व्रत · प्रकीर्णक व्रत · विजया · विजय व्रत ·
- ्रारोपण व्रत · शंकरार्क व्रत · प्रजापति व्रत · प्रकीर्णक व्रत · विजया · विजय व्रत ·
- नारद स्मृति के प्रकीर्णक में विविध अपराधों और परिशिष्ट में चौर्य एवं दिव्य परिणाम का निरू पण किया गया है।
- नारद स्मृति के प्रकीर्णक में विविध अपराधों और परिशिष्ट में चौर्य एवं दिव्य परिणाम का निरू पण किया गया है।
- इनके अतिरिक्त कुछ प्रकीर्णक पद “हींडोलाना पदो” , “भक्तिज्ञानानां पदो” “कृष्णजन्मसमेनां पदो”, “कृष्णजन्मबधाईनां पदो” तथा “वसंतनां पदो” नाम से संगृहीत मिलते हैं।
- व्रत · पल्लव · पवित्रारोपण व्रत · शंकरार्क व्रत · प्रजापति व्रत · प्रकीर्णक व्रत · विजया · विजय व्रत ·
- इनके अतिरिक्त कुछ प्रकीर्णक पद “हींडोलाना पदो” , “भक्तिज्ञानानां पदो” “कृष्णजन्मसमेनां पदो”, “कृष्णजन्मबधाईनां पदो” तथा “वसंतनां पदो” नाम से संगृहीत मिलते हैं।
- बारहवीं सदी के जैन व्याकरण पंडित वर्धमान ने गणराजमहोदधि में भर्तृहरि को वाक्यपदीय और प्रकीर्णक इन दो ग्रंथों का कर्ता तथा महाभाष्यत्रिपादी का व्याख्याता बताया है।
- हरिश्चंद्र ( खंडकाव्य) गंगावतरण (पुराख्यान काव्य), उद्धवशतक (प्रबंध काव्य), हिंडोला (मुक्तक), कलकाशी (मुक्तक) समालोचनादर्श (पद्यनिबंध) श्रृंगारलहरी, गंगालहरी, विष्णुलहरी (मुक्तक), रत्नाष्टक (मुक्तक), वीराष्टक (मुक्तक), प्रकीर्णक पद्यावली (मुक्तक संग्रह)।