प्रतिपत्ति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- कवि तब उस अर्थ की प्रतिपत्ति करता है जिससे पुन : राग का संचार हो , पुन : रागात्मक सम्बन्ध स्थापित हो।
- प्रतिभा , प्रतिपत्ति , संवित् आदि शब् द लगभग एक ही अर्थ के बोधक हैं और ये सब बुद्धि के धर्म मन के नहीं।
- प्रतिभा , प्रतिपत्ति , संवित् आदि शब् द लगभग एक ही अर्थ के बोधक हैं और ये सब बुद्धि के धर्म मन के नहीं।
- इसके उलट है - रचनाकार की भाषा की समझ , थोड़ा पीछे लौटना चाहूंगा - कालिदास ' वागर्थ प्रतिपत्ति ' की बात करते हैं।
- यहां `वस्तु का अनस्तित्व से अस्तित्व में आना ' इस प्रतिपत्ति पर आक्षेप कियाजा सकता है कि ऐसा कुछ` वस्तु' नहीं हो सकता जिसका अस्तित्व पर नहीं हो.
- श्राद्धप्रकाश में ' प्रतिपत्ति' का अर्थ है यज्ञ में प्रयुक्त किसी वस्तु की अन्तिम परिणति, जैसा कि दर्शपूर्णमास यज्ञ में 'सह शाखया प्रस्तरं प्रहरति' नामक वाक्य आया है।
- श्राद्धप्रकाश में ' प्रतिपत्ति' का अर्थ है यज्ञ में प्रयुक्त किसी वस्तु की अन्तिम परिणति, जैसा कि दर्शपूर्णमास यज्ञ में 'सह शाखया प्रस्तरं प्रहरति' नामक वाक्य आया है।
- गुरु और साधर्मिक की भक्ति से विनय की प्रतिपत्ति होती है और व्यक्ति नीच गति में नहीं जाता , अपितु उसका जीवन मोक्षमार्ग की ओर अग्रसर हो जाता है।
- नायनमार और आलवार भक्तों की इन रचनाओं से ही अनुग्रह और प्रतिपत्ति का वह तत्व विकसित हुआ जिसने परवर्ती काल में भक्ति आंदोलन के केंद्रीय मूल्य के रूप में प्रतिष्ठा प्राप्त की .
- इनके मत में शब्द के प्रत्येक अर्थ की प्रतिपत्ति अभिधा से ठीक उसी तरह हो जाती है , जैसे एक ही बाण कवच को भेदते हुए शरीर में घुसकर प्राणों को पी जाता है।