प्रबंध-काव्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- वैसे भी , धैर्य तथा एक-रसता के अभाव में प्रबंध-काव्य का सृजन असम्भव था ।
- प्रबंध-काव्य या खंड काव्य में कवि को एक संगठन ( ढाँचा ) खडा करना पड़ता है।
- उसी तरह महाकवि प्रसाद भी अपाने उत्कृष्ठ प्रबंध-काव्य और खंड-काव्यों के कारण हिन्दी साहित्य मे अग्र-पांक्त्ये हैं।
- लेकिन उसमें ये ' मुक्त गीत ' नहीं है ... उसमें ' प्रबंध-काव्य ' जैसा रचना-कर्म है .
- लेकिन उसमें ये ' मुक्त गीत ' नहीं है ... उसमें ' प्रबंध-काव्य ' जैसा रचना-कर्म है .
- चुके थे , प्रबंध-काव्य के नाम पर मैथिलीशरण गुप्त के 'रंग में भंग (1909 ई.), 'जयद्रथ-वध (1910 ई.)' और भारत भारती (1912 ई.)
- चुके थे , प्रबंध-काव्य के नाम पर मैथिलीशरण गुप्त के 'रंग में भंग (1909 ई.), 'जयद्रथ-वध (1910 ई.)' और भारत भारती (1912 ई.)
- “आत्मजयी” और “वाजश्रवा के बहाने” सरीखे उनकी कीर्ति का आधार माने जाने वाले प्रबंध-काव्य तक को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
- ' ' आत्मजयी '' और '' वाजश्रवा के बहाने '' सरीखे उनकी कीर्ति का आधार माने जाने वाले प्रबंध-काव्य तक को इसमें शामिल नहीं किया गया है।
- नामवर सिंह के अनुसार जिस साहित्य में काव्योत्कर्ष के मानदण्ड प्रबन्ध-काव्य के आधार पर बने हों और जहाँ प्रबंध-काव्य को ही व्यापक जीवन के प्रतिबिम्ब के रूप में स्वीकार किया गया हो , उसकी कविता का इतिहास मुख्यतः प्रगीत मुक्तकों का है।