प्रमातामह का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- भारत मानव वंश का उद् गम , अनेक भाषाओं तथा बोलियों की जन्म-स्थली , इतिहास की माता , पौराणिक एवं अपूर्व कथाओं की मातामह ( दादी ) और अनेक परम्पराओं की प्रमातामह ( परदादी ) है।
- यदि मनुष्य पिता , पितामह और प्रपितामह के उद्देश्य से तथा मातामह, प्रमातामह और वृद्धप्रमातामह के उद्देश्य से श्राद्ध तर्पण करेंगे तो उतने से ही उनके पिता और माता से लेकर दिव्य पितरों तक सभी पितर तृप्त हो जायेंगे।
- अतः आज अपने माता-पिता एवं पितामह , प्रपितामह ( सपत्निकस्य ) साथ में द्वितीय कुल माताम ह , प्रमातामह , वृद्धप्रमातामह ( सपत्निकस्य ) को याद करते हुए अपराह्न काल में पार्वण श्राद्ध के अन्तर्गत जो करते बना शास्त्र सम्मत हमने पिष्डदानादि कार्य किया।
- अतः आज अपने माता-पिता एवं पितामह , प्रपितामह ( सपत्निकस्य ) साथ में द्वितीय कुल माताम ह , प्रमातामह , वृद्धप्रमातामह ( सपत्निकस्य ) को याद करते हुए अपराह्न काल में पार्वण श्राद्ध के अन्तर्गत जो करते बना शास्त्र सम्मत हमने पिष्डदानादि कार्य किया।
- यदि मनुष् य पिता , पितामह और प्रपितामह के उद्देश् य से तथा मातामह , प्रमातामह और वृद्धप्रमातामह के उद्देश् य से श्राद्ध तर्पण करेंगे तो उतने से ही उनके पिता और माता से लेकर दिव् य पितरों तक सभी पितर तृप् त हो जायेंगे।
- यदि मनुष् य पिता , पितामह और प्रपितामह के उद्देश् य से तथा मातामह , प्रमातामह और वृद्धप्रमातामह के उद्देश् य से श्राद्ध तर्पण करेंगे तो उतने से ही उनके पिता और माता से लेकर दिव् य पितरों तक सभी पितर तृप् त हो जायेंगे।
- पितृ-पक्ष के दिनों में अपने स्वर्गीय पिता , पितामह, प्रपितामह तथा वृद्ध प्रपितामह और स्वर्गीय माता, मातामह, प्रमातामह एवं वृद्ध-प्रमातामह के नाम-गोत्र का उच्चारण करते हुए अपने हाथों की अञ्जुली से जल प्रदान करना चाहिए (यदि किसी कारण-वश किसी पीढ़ी के पितर का नाम ज्ञात न हो सके, तो भावना से स्मरण कर जल देना चाहिए)।
- पितृपूजन में दिवंगत पिता , पितामह , प्रपितामह , माता , मातामह , प्रमातामह , मातामह ( नाना ) , प्रमातामह , वृद्धमातामह , मातामही ( नानी ) एवं इससे जुड़े पूरे परिवार से संबंधित दिवंगत कोई भी सदस्य यथा बहन , काका , मामा , बुआ , मौसी , ससुर आदि का भी महत्व रहता है।
- पितृपूजन में दिवंगत पिता , पितामह , प्रपितामह , माता , मातामह , प्रमातामह , मातामह ( नाना ) , प्रमातामह , वृद्धमातामह , मातामही ( नानी ) एवं इससे जुड़े पूरे परिवार से संबंधित दिवंगत कोई भी सदस्य यथा बहन , काका , मामा , बुआ , मौसी , ससुर आदि का भी महत्व रहता है।
- पितृपूजन में दिवंगत पिता , पितामह , प्रपितामह , माता , मातामह , प्रमातामह , मातामह ( नाना ) , प्रमातामह , वृद्धमातामह , मातामही ( नानी ) एवं इससे जुड़े पूरे परिवार से संबंधित दिवंगत कोई भी सदस्य यथा बहन , काका , मामा , बुआ , मौसी , ससुर आदि का भी महत्व रहता है।