प्राप्तिका का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अग्नि तो अनजानमें स्पर्श किये जानेपर केवल जलाता ही है , पर यदि कोई सन्तके प्रति तिरस्कार और निन्दाका भाव नहीं रखकर अनजानेमें भी उनका संग करता रहे तो सन्तोंका संग तो उनके पापनाशके सिवा उन्हें परमात्माकी प्राप्तिका अधिकारी भी बना देता है ।
- ईश्वरांस से प्रदीप्त पृथिवी , जल, अग्नि, आकाश एवं वायु से निर्मितएवं पोषित पुरुषार्थ चतुष्ट्य (धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष) के प्राप्तिका आधार शरीर ही है और शरीरवयवों में शर, मस्तक, चक्षु, कर्ण, नासिका, वक्ष, बाहु, स्कन्ध, जानु एवं हस्तपाद आदि का आनुपातिक गठन, मांसल रूप औरसुन्दर रंग व्यक्तित्व में अन्तर उपस्थित करता है.