प्रोक्ति का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- पदबन्ध , वाक्य तथा प्रोक्ति द्वारा स्पष्ट करता है, तब उसे विरलन के अन्तर्गत माना जाता है।
- उसकी अभिव्यक्ति में भाषा , प्रोक्ति , कूट अन्तरण , कूट मिश्रण सम्बन्धी विशेषता विद्यमान है ;
- उसकी अभिव्यक्ति में भाषा , प्रोक्ति , कूट अन्तरण , कूट मिश्रण सम्बन्धी विशेषता विद्यमान है ;
- प्रोक्ति की रचना पूरी तरह व्याकरण संमत भी हो सकती है और व्याकरण का अतिक्रमण करनेवाली भी।
- 1 . प्रोक्ति ( Discoures ) - प्रोक्ति में प्र + उक्ति अर्थात् प्रकृष्ट उक्ति होती है।
- 1 . प्रोक्ति ( Discoures ) - प्रोक्ति में प्र + उक्ति अर्थात् प्रकृष्ट उक्ति होती है।
- 1 . प्रोक्ति ( Discoures ) - प्रोक्ति में प्र + उक्ति अर्थात् प्रकृष्ट उक्ति होती है।
- उक्ति या उक्तियों का समुच्चय जब संदर्भ के साथ-साथ कोई संदेश भी संप्रेषित करता है , तो उसे प्रोक्ति कहते हैं।
- वाक्य या प्रोक्ति ( डिसकोर्स ) का अंग बनने के लिए उसमें स्वाभाविक स्थिति की अपेक्षा कुछ परिवर्तन-परिवर्धन अपेक्षित होता है।
- उसके माध्यम से निरूपित शब्दों के अर्थ , भाव , बिम्ब , प्रोक्ति , उद्देश्य और प्रेरणा कभी स्याह नहीं होते हैं।