फड़फड़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- अच्छा ही किया - कल के बच्चे , ज़रा कलम क्या थमा दो हाथ में, फड़फड़ करने लगते हैं ...
- या तुम्हारा लहराता आँचल ? लबों की फड़फड़ या पत्तियों का खड़कना ? तुम्हारे साँसों की धौंकनी थी? या मेरे दिल का धडकना ??
- मरोड़े गए कबूतर की तरह फड़फड़ करता हुआ रोशनदान से गिरता है अखबार और अपनी आखिरी साँसे गिनने लगता है जनता , लोकतंत्र और रोटी के साथ! ...................रवि प्रकाश
- कई तरह के विचार मन में आए पर उसी पिंजड़े में बंद पंछी की तरह जो सिर्फ अपना पंख फड़फड़ कर रह जाएगा या कि पंख को धायल करके . ..।
- कई तरह के विचार मन में आए पर उसी पिंजड़े में बंद पंछी की तरह जो सिर्फ अपना पंख फड़फड़ कर रह जाएगा या कि पंख को धायल करके . .. ।
- अपने चित्रों में वे कभी उदास नज़र आते हैं तो कभी प्रकृति की फड़फड़ a हट को उसकी पूरी जीवन्तता और मांसलता के साथ पकड़ते हैं और कभी तो वो हमें सिर्फ तटस्थ से दिखाई पड़ते हैं किसी ध्यानमग्न योगी की तरह .
- कुछ खोया था लुट जाने को कुछ पाया था गुम जाने को वो दोनों परदे उठे हुए हैं कोरों पर कुछ फटे हुए हैं फड़फड़ की वो दस्तक अक्सर रोज रात को होती है एक मौज कहीं की तनहा तनहा दुबक साथ में सोती है
- यार , काग़ज़ से बनाए जाने कितने झण्डे खिंचते भी देखे सिनेमा में इतने बड़े हुए मगर छूने को न मिला अभी तक कभी असल झण्डा कपड़े का बना , हवा में फड़फड़ करने वाला असल झण्डा छूने तक को न मिला ! सुन्दर अभिव्यक्ति ।
- इन्ही हलचलों के ही कारण तो सहसा बरगद में पले हुए पंखों की डरी हुई चौंकी हुई अजीब-सी गन्दी फड़फड़ अंधेरे की आत्मा से करते हुए शिकायत काँव-काँव करते हुए पक्षियों के जमघट उड़ने लगे अकस्मात् मानो अंधेरे के ह्रदय में सन्देही शंकाओं के पक्षाघात ! !
- कल पर्वत के पार वही , एक सूरज दौड़ा जाता था | किरणों की चटकार गगन पर, सहसा छोड़ा जाता था | | मातम का संगीत परिंदे, चिचिया कर दोहराते थे | फड़फड़ की बेचैनी भी, पंखों में बसते जाते थे | | क्यूँ उधार का रंग ओढ़, कल सांझ बहुत इठलाई थी ? वो प्रहर [...] कविता