फ़ज़ूल का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- यहाँ ऐसी कविता है , जिस में में ” दुःस्वप्न हुई गलियों में थिरकती है ईश्वर की परछाईं / चाँद सबसे फ़ज़ूल चीज़ों में से हो जाता है / ग़ुलाब और ओस और जलेबी की तरह / और मिट्टी-सना एक केंचुआ / धीरे-धीरे सड़क पार करता है / जेठ की धूप में ..
- अरे लुटवैये ! यार मेरे व्यर्थ क्यूँ इसे गँवाते हो ? ख़ुद पर ही फ़ज़ूल क्यूँ ख़ज़ाना-ए-बेशक़ीमत लुटाते हो ? तरके 1 में न आई है ख़ुदा की नेमत कभी उधार है ये तुझपे क़र्ज़ बन जायेंगे कभी | मिलती है रहमत उनको जो ख़ुदा के क़रीन 2 हो अहले -दिल 3 हो जो अदम जो सबका रहीम हो | तो बे -जा 4 न कर, ऐ सूम ...