फ़रीक़ का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- निहायत ज़रूरी अम्र तो ये है कि पहले फ़रीक़ सानी के बयान को मुकम्मल ग़ौर और सब्र से सुना जाये कि वह क्या कहता है।
- अभी दोनों फ़रीक़ में मामूली ( साधारण ) सी झड़प हुई थी कि रात का अंधेरा फ़ैलने लगा , और वह सिर्फ़ अन्नीस आदमी कट्वा कर भग खड़ा हुआ।
- दोनो फ़रीक़ ( पक्षों ) को क़त्लो खून से मुआप करो ताकि पता चल जाए कि जिस के दिल पर जंग की तहें चढ़ी हुई और आंखों पर पट्टी पड़ा हुआ है।
- औरत या इसके वली-ओ-वकील का दूसरे फ़रीक़ ( मर्द) को एक तयशुदा रक़म (महर)के इव्ज़ इसके निकाह में देना और इस मर्द का उस औरत को इस मिक़दार महर के इव्ज़ कुबूल करना।
- और वाय बदबख्ती उस शख्स की जिस के खिलाफ अल्लाह के हुज़ूर फ़रीक़ बन कर खड़े होने वाले फ़क़ीर , नादार , सायल , धुत्कारे हुऐ लोग , क़र्ज़दार और बे खर्च मुसाफिर हों।
- इस मसअले पर शिया व सुन्नी दोनों फ़रीक़ के उलामा ने नफ़ी व इस्बात में रिसाले तालीफ़ किये हैं और हर एक ने अपने दावे को साबित करने के लिये एड़ी चोटी का ज़ोर सर्फ़ किया है।
- नहजुल बलाग़ा वह अज़ीमुल मरतबत किताब है जिस को दोनो फ़रीक़ के उलामा मोतबर समझते हैं , यह मुक़द्दस किताब इमाम अली अलैहिस सलाम के पैग़ामात और गुफ़तार का मजमूआ है जिस को अल्लामा रज़ी अलैहिर रहमा ने तीन हिस्सों में तरतीब दिया है।
- लिहाजा़ सरदार मजा़री मसलेहत से काम लेते हुए उसे जानबूझकर तूल दे रहा था , कि गुज़रते वक़्त के साथ-साथ फ़रीका़ें के दिलों में पाया जानेवाला शदीद ग़म व गुस्सा ठण्डा पड़ जाये और उसके फै़सले से हर फ़रीक़ इस तरह मुतमइन हो जाये कि दिलों से बैरभाव हट जाये।
- नहजुल बलाग़ा का इजमाली तआरुफ़ नहजुल बलाग़ा वह अज़ीमुल मरतबत किताब है जिस को दोनो फ़रीक़ के उलामा मोतबर समझते हैं , यह मुक़द्दस किताब इमाम अली अलैहिस सलाम के पैग़ामात और गुफ़तार का मजमूआ है जिस को अल्लामा रज़ी अलैहिर रहमा ने तीन हिस्सों में तरतीब दिया ...
- लिहाजा़ सरदार मजा़री मसलेहत से काम लेते हुए उसे जानबूझकर तूल दे रहा था , कि गुज़रते वक़्त के साथ-साथ फ़रीका़ें के दिलों में पाया जानेवाला शदीद ग़म व गुस्सा ठण्डा पड़ जाये और उसके फै़सले से हर फ़रीक़ इस तरह मुतमइन हो जाये कि दिलों से बैरभाव हट जाये।