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फ़िरोज़ गाँधी का अर्थ

फ़िरोज़ गाँधी अंग्रेज़ी में मतलब

उदाहरण वाक्य

  1. देश की प्रथम महिला प्रधानमंत्री श्रीमती इंदिरा गाँधी ने फ़िरोज़ गाँधी से अंतरजातीय विवाह भी किया और दो पुत्रों राजीव व् संजय की माँ भी बनी और दिखा दिया भारत ही नहीं सारे विश्व को कि एक नव पल्लवित लोकतंत्र की कमान किस प्रकार कुशलता से संभालकर पाकिस्तान जैसे दुश्मनों के दांत खट्टे किये जाते हैं .
  2. जब इन्होने अपनी पहचान बदलने में वक्त नहीं गँवाया तो क्या खज़ाने की जगह बदलने में वक्त गँवायेंगे ? गयासुद्दीन गाज़ी बन गया गंगाधर फ़िरोज़ खान बन गया फ़िरोज़ गाँधी संजीव गाँधी बन गया संजय गाँधी इंदिरा प्रियदर्शिनी पहले बनीं मैमुना बेग़म फिर लोगों को झाँसा देने के लिए बन गईं इंदिरा गाँधी अगर पूरे परिवार की हिस्ट्री , जिओग्राफी और बायोलोजी आप पढेंगे तो ख़ालिस मुगलिया लुटेरों का ही खून मिलेगा यहाँ ।
  3. देखा जाए तो आज़ाद भारत का पहला घोटाला तत्कालीन नेहरु सरकार में हुआ था और ताज्जुब की बात कि इसे उजागर करने वाले नेहरु के दामाद फ़िरोज़ गाँधी ही थे जिनकी वजह से नेहरु सरकार के तत्कालीन वित्त मंत्री टी . टी . कृष्णामचारी को अपने पद से इस्तीफ़ा देना पड़ा था | उन पर आरोप था कि उन्होंने भारतीय जीवन बीमा निगम पर इसलिए दबाव बनाया था ताकि कलकत्ता के उद्योगपति हरिदास मुंथरा अपनी ६ कंपनियों के लिए १ .
  4. या तो धारकर साहब का ज्ञान कम है अथवा आपका विश्लेषण , फ़िरोज़ गाँधी नहीं “ गुजरात ” के “ घान्दी ” मुसलमान थे , इन्दिरा कैसे ब्राह्मण हो गईं जबकि उन्होंने इसी फ़िरोज़ से शादी कर ली ? राजीव भी माइनो से शादी करने को इतने उतावले थे कि चर्च में जाकर ईसाई बन गये थे , प्रियंका का असली इटालियन नाम “ बियांका ” ( BIANKA ) था , जबकि राहुल का “ रॉल ” ( RAUL ) ...
  5. या तो धारकर साहब का ज्ञान कम है अथवा आपका विश्लेषण , फ़िरोज़ गाँधी नहीं “ गुजरात ” के “ घान्दी ” मुसलमान थे , इन्दिरा कैसे ब्राह्मण हो गईं जबकि उन्होंने इसी फ़िरोज़ से शादी कर ली ? राजीव भी माइनो से शादी करने को इतने उतावले थे कि चर्च में जाकर ईसाई बन गये थे , प्रियंका का असली इटालियन नाम “ बियांका ” ( BIANKA ) था , जबकि राहुल का “ रॉल ” ( RAUL ) ...
  6. तब प्रश्न उठता है कि फ़िरोज़ ख़ान , फ़िरोज़ गाँधी कैसे हो गये , और उन्हें इस उपनाम जो की गुजरात के बनिक वर्ग में प्रयुक्त होने वाले गाँधी के उपयोग की इजाज़त किसने और क्यों दी ? फ़िरोज़ ख़ान को अपने सही नाम पर क्यों आपत्ति हुई , और क्यों ही उसे नाम बदलने की ज़रूरत पड़ी ? देश के बहुत से लोग तो आज भी यह समझते हैं कि यह कथित गाँधी परिवार महात्मा गाँधी जी से रिलेटेड है , जबकि ऐसा कतई नहीं है .
  7. तब प्रश्न उठता है कि फ़िरोज़ ख़ान , फ़िरोज़ गाँधी कैसे हो गये , और उन्हें इस उपनाम जो की गुजरात के बनिक वर्ग में प्रयुक्त होने वाले गाँधी के उपयोग की इजाज़त किसने और क्यों दी ? फ़िरोज़ ख़ान को अपने सही नाम पर क्यों आपत्ति हुई , और क्यों ही उसे नाम बदलने की ज़रूरत पड़ी ? देश के बहुत से लोग तो आज भी यह समझते हैं कि यह कथित गाँधी परिवार महात्मा गाँधी जी से रिलेटेड है , जबकि ऐसा कतई नहीं है .
  8. पारिवारिक विरासत ” में मिली हों चाहे स्वर्गीय फ़िरोज़ गाँधी के पोते राहुल गाँधी और वरुण गाँधी हों , या स्वर्गीय राजेश पायलट के पुत्र सचिन पायलट हों या स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के पुत्र ज्योतिरादित्य सिंधिया हों या दिल्ली की मुख्य मंत्री शीला दीक्षित के पुत्र संदीप दीक्षित हों या महाराष्ट्र के मुरली देवड़ा के पुत्र मिलिंद देवड़ा हों या राजस्थान के पूर्व मुख्य मंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के पुत्र दुष्यंत सिंह हों या जिंदल समूह के अध्यक्ष नवीन जिंदल हों या अंत में समाजवादी पार्टी में अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव हों।
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