फेनक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- फेनक खनिज में मिश्रित जल का तल तनाव ( सर्फ़ेस टेनशन) घटा देते हैं और खनिज के प्लवन के लिए फेन बनाने योग्य वायु के बुलबुलों का स्थायीकरण कर देते हैं।
- 2 . अंगराग के प्रसाधनों में बाल धोने के तरल फेनक ( शैंपू ) , दाढ़ी बनाने का साबुन , विलेपन ( क्रीम ) और लोशन इत्यादि तो रखे जा सकते हैं , किंतु
- व्यवहार में उत्प्लवन प्रतिकर्मक बहुत थोड़े परिमाण में उपयोग किए जाते हैं , जैसे प्रति टन अयस्क में फेनक तथा एकत्रक ०.०३ से ०.२ पाउंड तक और प्रावसादक तथा कर्मण्यक ०.३ से १ पाउंड तक प्रयुक्त किए जाते हैं ।
- किसी सांस्कृतिक स्थान से आया हुआ कालाविचक्षण नागरिक अगर गरीब हो , उसके पास मल्लिका , फेनक तथा कषाय मात्र ही बाकी बचे हो तो वह नागरिकों की संभाओं , उत्सवों में जाकर और वेश्याओं के यहां जाकर उनको हितकर उपदेश देकर अपनी जीवीका कमानी चाहिए।
- किसी सांस्कृतिक स्थान से आया हुआ कालाविचक्षण नागरिक अगर गरीब हो , उसके पास मल्लिका , फेनक तथा कषाय मात्र ही बाकी बचे हो तो वह नागरिकों की संभाओं , उत्सवों में जाकर और वेश्याओं के यहां जाकर उनको हितकर उपदेश देकर अपनी जीवीका कमानी चाहिए।
- मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन , उद्वर्तन, रंजकनकिका, दीपवति इत्यादि; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल, धूप और केशपटवास इत्यादि; आँखों के लिए काजल, सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता; शरीर के लिए चंदन, देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप, स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास, कक्षवास और गृहवास इत्यादि।
- मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन , उद्वर्तन, रंजकनकिका, दीपवति इत्यादि; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल, धूप और केशपटवास इत्यादि; आँखों के लिए काजल, सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता; शरीर के लिए चंदन, देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप, स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास, कक्षवास और गृहवास इत्यादि।
- मुख प्रसाधन के लिए विलेपन और अनुलेपन , उद्वर्तन , रंजकनकिका , दीपवति इत्यादि ; सिर के बालों के लिए विविध प्रकार के तैल , धूप और केशपटवास इत्यादि ; आँखों के लिए काजल , सुरमा और प्रसाधन शलाकाएँ इत्यादि ; ओष्ठों के लिए रंजकशलाकाएँ ; हाथ और पाँव के लिए मेंहदी और आलता ; शरीर के लिए चंदन , देवदारु और अगरु इत्यादि के विविध लेप , स्थानीय चूर्णवास और फेनक इत्यादि तथा मुखवास , कक्षवास और गृहवास इत्यादि।