फौजदारी न्यायालय का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- निगरानीकर्ता के विद्वान अधिवक्ता ने दौरान बहस यह तर्क दिया कि मुख्य न्यायिक मजिस्टेट , चम्पावत द्वारा पारित आदेश विविध वाद सं0-48/2007, भोलादत्त बनाम राज्य, अंतर्गतधारा-26 वन अधिनियम एवं धारा-379,411भा0दं0सं0 दिनांकः3-10-2008 विधि विरूद्ध पारित किया गया है, क्योंकि जो कथित क्षतिपूर्ति धनराशि की बावत 62गिल्टे खैर उत्तरदाता को दिए जाने का आदेश मान्नीय न्यायालय द्वारा पारित किया गया है, उसकी वसूली धारा-357दं0प्र0सं0 के अनुसार सिविल न्यायालय के माध्यम से प्राप्त कर सकता है और फौजदारी न्यायालय को कोई भी इस प्रकार की वसूली का क्षेत्राधिकार नहीं है।