बैकुंठ लोक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मृत्यु के समय मुख में गंगाजल और तुलसीदल जाला जाता है और विश्वास किया जाता है कि ऐसा करने से ' बैकुंठ लोक' प्राप्त होता है।
- मृत्यु के समय मुख में गंगाजल और तुलसीदल जाला जाता है और विश्वास किया जाता है कि ऐसा करने से ' बैकुंठ लोक' प्राप्त होता है।
- हर भारत नगर नाम की गंदी बस्ती को एक झटके में चमक के ऐशगाह में , कंक्रीट के बैकुंठ लोक में तब्दील करने की जिद पाले।
- 1 - ‘‘ देवी भागवत पुराण के अनुसार गंगा वापस बैकुंठ लोक चली गयी हैं और हम आप जिसे देवापगा मानते हैं वह एक सामान्य नदी भर है।
- अब नारायण इसका क्या जवाब दें , अगर भक्त के लिए इतना ही तीन-पांच करना होता , तो फिर बैकुंठ लोक छोड़कर कांग्रेस पार्टी ज्वाइन ना कर चुके होते।
- सभी लोकों और तीर्थ उपतीर्थ में भ्रमण करते-करते जब भैरव बैकुंठ लोक पहुंचे तो उन्हें भगवान विष्णु ने भगवान शंकर के त्रिशूल पर विराजमान तीनों लोकों से न्यारी काशीपुरी जाने का परामर्श दिया।
- भगवान के रसातल निवास से परेशान कि यदि स्वामी रसातल में द्वारपाल बन कर निवास करेंगे तो बैकुंठ लोक का क्या होगा ? इस समस्या के समाधान के लिए लक्ष्मी जी को नारद जी ने एक उपाय सुझाया।
- हिन्दू धर्म ग्रंथो के मुताबिक जब देव नदी गंगा बैकुंठ लोक से धराधाम को पवित्र करने के लिए भगवान के चरण नख से निकल कर चलने को उद्यत हुई तो देवताओं ने भगवान से प्रार्थना किया क़ि हे प्रभो ! जाह्नवी के चले जाने से एक विचित्र श्रीहीनता बैकुंठ लोक में उत्पन्न हो गयी है .
- हिन्दू धर्म ग्रंथो के मुताबिक जब देव नदी गंगा बैकुंठ लोक से धराधाम को पवित्र करने के लिए भगवान के चरण नख से निकल कर चलने को उद्यत हुई तो देवताओं ने भगवान से प्रार्थना किया क़ि हे प्रभो ! जाह्नवी के चले जाने से एक विचित्र श्रीहीनता बैकुंठ लोक में उत्पन्न हो गयी है .
- कुछ लोग ऊपर लिखी घटना में यह शंका प्रकट करते हैं कि तुकाराम तो सिद्ध पुरूष थे और अपने अनुयायियों के मतानुसार संसार के कल्याणार्थ उनका आगमन बैकुंठ लोक से हुआ था , फिर उनको चित्त शुद्धि और अन्य साधनों की क्या आवश्यकता थी ? उनके अभंगों में एकाध जगह कहा गया है कि ” संसार को धर्म-नीति का मार्ग दिखलाने , भगवत्-भक्ति का डंका बजाने और संतों का रास्ता साफ करने के लिए मैं भगवान् का संदेश लेकर आया हूँ।