भिन्न संख्या का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- शून्य होता है| इस भिन्न संख्या को अनंत कहा जाता है| शून्य को हर के स्थान पर रखने वाली यह संख्या इसमे से कुछ भी निकाले या इसमे कुछ भी जोड़े जाने पर भी अपरिवर्तनीय है , ठीक उसी प्रकार जैसे इस संसार के निर्माण और नष्ट होने से उस अनंती ईश्वर पर कोई प्रभाव नही पड़ता है|”
- आरगोन-आइओएन लेजर ( Argon-ion ) 351 - 528.7 एण् डएनबीएसपी ; एनएम पैर प्रकाश उत् सर्जित करता हैं I प्रकाशिकी और लेजर ट्यूब लाइनों की भिन्न भिन्न संख्या पर निर्भर करते हुए भिन्न भिन्न तरह की लाइनें है लेकिन प्रयोग करने योग्य है सबसे अधिक इस्तेमाल किया जाने वाला लाइनें 458 & bsp एनएम , 488 & bsp एनएम और 514 . ५ & bsp एनएम हैं .
- विद्वन ! भिन्न संख्या के भाग में भाजक के हर और अंश को परिवर्तित कर यानी हर को अंश और अंश को हर बना कर फ़िर भाज्य के हर अंश के साथ , गुणन क्रिया करनी चाहिये , इससे भागफ़ल सिद्ध होता है , भिन्नांक के वर्गादि साधन में यदि वर्ग करना हो , तो हर और अंश दोनो का वर्ग करे , और घन करना हो तो दोनो का घन करे , इसी प्रकार से वर्गमूल निकालना हो तो दोनो का वर्गमूल निकाले , और घनमूल निकालना हो तो दोनो का घनमूल निकाले .
- विद्वन ! भिन्न संख्या के भाग में भाजक के हर और अंश को परिवर्तित कर यानी हर को अंश और अंश को हर बना कर फ़िर भाज्य के हर अंश के साथ , गुणन क्रिया करनी चाहिये , इससे भागफ़ल सिद्ध होता है , भिन्नांक के वर्गादि साधन में यदि वर्ग करना हो , तो हर और अंश दोनो का वर्ग करे , और घन करना हो तो दोनो का घन करे , इसी प्रकार से वर्गमूल निकालना हो तो दोनो का वर्गमूल निकाले , और घनमूल निकालना हो तो दोनो का घनमूल निकाले .