भीम पलासी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हिंदुस्तानी राग भीम पलासी पर आधारित यह इस गीत को ख़ुस रिमि की मीठी आवाज ने इतना ख़ूबसूरत बना दिया है कि बार बार सुनने का मन करता है।
- प्रसिद्ध सितारवादक वक्कालंक्का जी ने राग भीम पलासी से शुरू किया और फिर तबले की द्रुत तीन ताल से होते हुए एक झाले की प्रस्तुति के बाद सितारवादन का अंत हुआ।
- शायद अम्मा के सानिध्य ने इन दो कलाकारों को साथ काम करने की प्रेरणा दी और देखिए कितनी प्यारी बंदिश तैयार हुई जो कि मूलतः राग भीम पलासी पर आधारित है।
- शायद अम्मा के सानिध्य ने इन दो कलाकारों को साथ काम करने की प्रेरणा दी और देखिए कितनी प्यारी बंदिश तैयार हुई जो कि मूलतः राग भीम पलासी पर आधारित है।
- प्रसिद्ध सितारवादक वक्कालंक्का जी ने राग भीम पलासी से शुरू किया और फिर तबले की द्रुत तीन ताल से होते हुए एक झाले की प्रस्तुति के बाद सितारवादन का अंत हुआ।
- उदाहरण के लिए , दिन के वक्त वो ही गीत गाये जाते हैं जो कि पीलू, भीम पलासी या सारंग राग में बेस्ड होते हैं जबकि शाम का वक्त होता है कल्याण, श्याम कल्याण और यमन राग पर बेस्ड गीतों का।
- उदाहरण के लिए , दिन के वक् त वो ही गीत गाये जाते हैं जो कि पीलू , भीम पलासी या सारंग राग में बेस् ड होते हैं जबकि शाम का वक् त होता है कल् याण , श् याम कल् याण और यमन राग पर बेस् ड गीतों का।
- उदाहरण के लिए , दिन के वक् त वो ही गीत गाये जाते हैं जो कि पीलू , भीम पलासी या सारंग राग में बेस् ड होते हैं जबकि शाम का वक् त होता है कल् याण , श् याम कल् याण और यमन राग पर बेस् ड गीतों का।
- बैजू महाराज ऐसी उच्च विद्या जानते की भीम पलासी राग गाते तो पथ्थर पिघला देते थे … पिघले हुए पथ्थर में कोई चीज डाल देते तो वो चीज पथ्थर के अन्दर सचमुच जम जाती की पथ्थर तोड़े बिना निकले नहीं … मानो जैसे शक्कर को पिघलाया और उस में रुपया का सिक्का डाल दिया , ठन्डे होने के बाद शक्कर जम गयी , तो शक्कर तोड़े बिना रुपया निकले नहीं … ऐसी ही बैजू महाराज की विद्या भी थी ..