भृगुतुंग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- महाभारत के अनुशासन पर्व में भृगुतुंग के माहात्म्य का वर्णन महामुनि अंगिरा ने महर्षि गौतम से किया था - जो अलोलुप हो तीन रात तक भोजन छोड़ भृगुतुंग के महानद में स्नान - आचमन करता है वह ब्रह्महत्या के पाप से मुक्त हो जाता है।
- महाभारत के अनुशासन पर्व में भृगुतुंग के माहात्म्य का वर्णन महामुनि अंगिरा ने महर्षि गौतम से किया था - जो अलोलुप हो तीन रात तक भोजन छोड़ भृगुतुंग के महानद में स्नान - आचमन करता है वह ब्रह्महत्या के पाप से मुक्त हो जाता है।
- शंख [ 369 ] ने लिखा है कि जो भी कुछ पवित्र वस्तु गया , प्रभास , पुष्कर , प्रयाग , नैमिष वन ( सरस्वती नदी पर ) , गंगा , यमुना एवं पयोष्णी पर , अमरकंटक , नर्मदा , काशी , कुरुक्षेत्र , भृगुतुंग , हिमालय , सप्तवेणी , ऋषिकेश में दी जाती है , वह अक्षय होती है।
- शंख [ 369 ] ने लिखा है कि जो भी कुछ पवित्र वस्तु गया , प्रभास , पुष्कर , प्रयाग , नैमिष वन ( सरस्वती नदी पर ) , गंगा , यमुना एवं पयोष्णी पर , अमरकंटक , नर्मदा , काशी , कुरुक्षेत्र , भृगुतुंग , हिमालय , सप्तवेणी , ऋषिकेश में दी जाती है , वह अक्षय होती है।