मनोवस्था का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस पर हंसे या रोएं ? अखबार का पाठक इसे पढ़कर दो मनोवस्था में पहूंचता है।
- अच्छी भली स्थिति में , खुश मिजाजी में , शान्त मनोवस्था में भी सिरदर्द हो सकता है।
- तीसरी बात जो आपने , युवती के मनोवस्था और असुरक्षा वाली कही … यह सचमुच ही मन भारी कर गया …
- औचक सौंदर्य संवेदन और उस की निपट पारदर्शी मनोवस्था को गूंथ कर अज्ञेय जिस ‘ प्यार ' को पढ़ते हैं वह उन की कविताओं में ' निर्व्याज ' और अजटिल स्थितियों में उपस्थित होता है।
- पढना आरम्भ किया तो एकदम से दिमाग में यह शब्द “ गज़ब ” घुघुराने लगा कि सत्य है आजतक घोर आश्चर्य की स्थिति / मनोवस्था में कभी न हुआ कि शब्द अजब का उपयोग गज़ब के बिना किया हो ..
- ढाई दिनों में मन बदल जाता है ! मन का मूड बदल जाता है ! तो , अगर तुम परेशान हो , तो ज़्यादा से ज़्यादा ढाई दिनों तक उस मनोवस्था में रह सकते हो , फिर मन बदल जायेगा।
- कथा ने कुछ भी कहने की मनोवस्था में अभी नहीं छोड़ा है . ..इसलिए बस यह सूचित कर जा रही हूँ कि पढ़ लिया है.... ह्रदय से आशीर्वाद.....लेखनी की धार दिन प्रतिदिन तेज से तेज होती रहे,मंजती रहे और पाठक को आत्मविस्मृत करती रहे...यही ईश्वर से प्रार्थना है...
- यद्यपि ग्रहण की गयी अन्न जल वायु रूपी आहार भी मनोवस्था पर प्रभाव डालती है , पर इसके अतिरिक्त विभिन्न दृश्य श्रव्य माध्यमो से तथा मनन चिंतन द्वारा नित्यप्रति जो हम ग्रहण करते हैं , वह आहार मुख्य रूप से हमारे मानसिक स्वस्थ्य को प्रभावित और नियंत्रित करता है ..
- अन्न जल के रूप में जो भोज्य पदार्थ हम ग्रहण करते हैं वह शारीरिक सञ्चालन हेतु भले यथेष्ट हो , पर मनुष्य को इतना ही तो नहीं चाहिए, उसे मानसिक आहार भी चाहिए.यद्यपि ग्रहण की गयी अन्न जल वायु रूपी आहार भी मनोवस्था पर प्रभाव डालती है,पर इसके अतिरिक्त विभिन्न दृश्य श्रव्य माध्यमो से तथा मनन चिंतन द्वारा नित्यप्रति जो हम ग्रहण करते हैं,वह आहार मुख्य रूप से हमारे मानसिक स्वस्थ्य को प्रभावित और नियंत्रित करता है..
- अब विचार रोग के स्रोतों पर : -अन्न जल के रूप में जो भोज्य पदार्थ हम ग्रहण करते हैं वह शारीरिक सञ्चालन हेतु भले यथेष्ट हो ,पर मनुष्य को इतना ही तो नहीं चाहिए, उसे मानसिक आहार भी चाहिए.यद्यपि ग्रहण की गयी अन्न जल वायु रूपी आहार भी मनोवस्था पर प्रभाव डालती है,पर इसके अतिरिक्त विभिन्न दृश्य श्रव्य माध्यमो से तथा मनन चिंतन द्वारा नित्यप्रति जो हम ग्रहण करते हैं,वह आहार मुख्य रूप से हमारे मानसिक स्वस्थ्य को प्रभावित और नियंत्रित करता है..