महर्षि पाणिनि का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- संस्कृत का मान्य व्याकरण महर्षि पाणिनि के सूत्रबद्ध नियमों पर आधारित है ।
- इसकी संगमरमर की दीवारों पर महर्षि पाणिनि के पांच हजार साल पुराने ग्रंथ
- संस्कृत को संस्कारित करने वाले भी कोई साधारण भाषाविद् नहीं वल्कि महर्षि पाणिनि;
- महर्षि पाणिनि ने ' अष्टाध्यायी ' की रचना की जिसमें व्याकरण के नियम हैं।
- प्रसिद्ध है कि महर्षि पाणिनि ने इन सूत्रों को देवाधिदेव शिव से प्राप्त किया था।
- प्रसिद्ध है कि महर्षि पाणिनि ने इन सूत्रों को देवाधिदेव शिव से प्राप्त किया था।
- यदि महर्षि पाणिनि न होते तो दुनिया की किसी भी भाषा कोई बड़ा लेखक नहीं हो पाता।
- इसके लिए महर्षि पाणिनि संस्कृत विश्वविद्यालय उज्जैन के कुलपति डॉ . मोहन गुप्त ने एक प्रारूप तैयार किया है।
- राजभवन ने इस मामले में महर्षि पाणिनि संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय के कुलपति से विस्तृत जांच प्रतिवेदन मांगा था।
- अष्टाध्यायी ( अष्टाध्यायी = आठ अध्यायों वाली) महर्षि पाणिनि द्वारा रचित संस्कृत व्याकरण का एक अत्यंत प्राचीन ग्रंथ (५०० ई पू) है।