मानव कृत का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- क्योंकि किसी बच्चे का जन्म हो या अखबार का या फिर मानव कृत कोई उद्यम का ; उसकी बुनियाद भ्रष्टाचार पर ही टिकी होती है।
- अत : ऐसा नही हो सकता कि हमारा आज का मानव कृत संविधान तो नागरिकों के मूल कत्र्तव्यों का निरूपण करे और वेद इस विषय पर चुप रहे।
- इसे छोड़ने की गति किसी भी मानव कृत वस्तु से अधिक रही थी - अपने आखरी रॉकेट के बंद होने तक इसकी रफ़्तार १६ . २६ किलोमीटर प्रति सैकिंड पहुँच चुकी थी।
- जैसे दुनिया मे मानव कृत कार्योँ द्वारा बहुत तरह के अप्राकृतिक प्रदूषण पैदा होते है उसी प्रकार मानव के मन मेँ भी एक प्रक्रिया है जो कभी-कभी मानसिक प्रदूषण उत्पन्न करने लगती है।
- हिंदी क्षेत्र के युवाओं को वेशक कतिपय एतिहासिक कारणों से न केवल आजीविका के लिए , न केवल जिजीविषा के लिए अपितु अपने श्रम के उचित मूल्य और मानव कृत असमानता से जूझना पड़ता है .
- आज तुम्हे तुम्हारा इस दशा को ईश्वरकृत न्यायिक दंश कहूँ या मानव कृत विध्वंश कहूँ पर जो भी कहूँ यह सत्य कहूँ की देखा था कभी हरियाली तुममे तेरा बाहू पाश था कसा हुआ ऐ प्रकृति के कोमल कृति देखा था तुमको बसा हुआ .
- इन भ्रंशों के सहारे प्राकृतिक कारणों में भूकम्प एवं बाढ़ , बादल फटना तथा मानव कृत गतिविधियों- सड़क, पुल निर्माण में विस्फोटकों का प्रयोग, कृत्रिम जलाशय निर्माण, नहरों का निर्माण, सुरंग खोदना, वनों का दोहन, खनिजों का अनियोजित दोहन आदि के कारण भूस्खलन, बाढ़ वनाग्नि, जैसी आपदाओं से प्रति वर्ष सामना करना पड़ता है।
- इन भ्रंशों के सहारे प्राकृतिक कारणों में भूकम्प एवं बाढ़ , बादल फटना तथा मानव कृत गतिविधियों- सड़क , पुल निर्माण में विस्फोटकों का प्रयोग , कृत्रिम जलाशय निर्माण , नहरों का निर्माण , सुरंग खोदना , वनों का दोहन , खनिजों का अनियोजित दोहन आदि के कारण भूस्खलन , बाढ़ वनाग्नि , जैसी आपदाओं से प्रति वर्ष सामना करना पड़ता है।
- मुंबई , हैदराबाद , सूरत , दिल्ली , बोधगया और बेंगलोर इत्यादि मानव कृत हिंसक कार्यवाहियों के मूल में जिन तत्वों का हाथ है वे हिन्दुओं के , मुसलमानों के , भारत की जनता के और भारत के शुभचिंतक नहीं हो सकते और उन्हें प्रेरित करने वाले हिन्दुत्ववादी या ' मुस्लिम फिरकापरस्त ' राजनैतिक व्यक्ति और ' दल ' देश की बागडोर संभालने के योग्य नहीं हो सकते .
- युग बदले , शताब्दियाँ गईं , दुनिया बदली , धरती बदली , आसमान बदला यहाँ तक कि अब तो अन्तरिक्ष भी मानव कृत बदलाव के लिए बहुश्रुत हो चला है किन्तु उस ' आम आदमी ' की दशा यथावत है जो पर्याय रूप से दुनिया में -मेहनतकश , मजदूर , सर्वहारा , प्रोलोतेरिअत , सीमान्त-किसान तथा एक वर्ग के रूप में जो अपना श्रम बेचता है जिसे ' शोषित वर्ग ' कहा जाता है .