मालकोश का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- मालकोश गम्भीर और शांत प्रकृति का राग होने के कारण मीड़ प्रधान राग माना जाता है ।
- तीन दिवसीय प्रशिक्षण शिविर का आयोजन संयुक्त राष्ट्र मालकोश ( यूनिसेफ) और महिला बाल विकास के तत्वावधान में किया जा रहा है।
- राग मालकोश , मधु-माधवी , आदि का विभिन्न भाव-भंगिमाओं एवं काल्पनिक परिसिथतियों के आधार पर अत्यंत भावनात्मक और कोमल चित्रांकन किया गया है।
- महाकवि निराला ने अपनी बेटी सरोज के कैशोर्य की तुलना मालकोश से की है- ‘ कांपा कोमलता पर सस्वर , ज्यों मालकोश नववीणा पर।
- महाकवि निराला ने अपनी बेटी सरोज के कैशोर्य की तुलना मालकोश से की है- ‘ कांपा कोमलता पर सस्वर , ज्यों मालकोश नववीणा पर।
- भूपाली राग में म वर्जित है तो मालकोश में प , किन्तु कोई राग ऐसा नहीं है जिसमें म और प दोनों एक साथ वर्ज्य होते हों।
- नोट करने वाली बात यह है कि रफी जहां रवानगी से ऐसे गीत गा सकते थे , वहीं राग मालकोश में सौ बार जनम लेंगे / सौ बार फना होंगे ...
- निषाद न्यास के स्वर - सा , _ग,म गायन समय - रात्रि का तीसरा प्रहर समप्रकृति राग - चंद्रकोश मालकोश के स्वरों में मात्र नि स्वर शुद्ध कर देने से यह राग चंद्रकोश बन जाता है ।
- स्वर - गंधार , धैवत और निषाद न्यास के स्वर - सा,_ग,म गायन समय - रात्रि का तीसरा प्रहर समप्रकृति राग - चंद्रकोश मालकोश के स्वरों में मात्र नि स्वर शुद्ध कर देने से यह राग चंद्रकोश बन जाता है ।
- सोहनी में पं कैवल्य कुमार गौरव के स्वर में दो बंदिशें चित्र-गूगल साभार राग मालकोश रात के तीसरे पहर पूरी क़ायनात गुनगुनाती है मालकोशी धुन चाँद अपने सफ़र में थक कर जिस घड़ी आसमान के सीने पर सुस्ताता है…