मुण्डक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- प्रथम मुण्डक / द्वितीय खण्ड / मुण्डकोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- प्रथम मुण्डक / प्रथम खण्ड / मुण्डकोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- ↑ मुण्डकोपनिषद् तृतीय मुण्डक श्लोक 6
- और आश्चर्य कि मुण्डक ( १.१.८) में यह भी लिखा है,&
- द्वितीय मुण्डक / द्वितीय खण्ड / मुण्डकोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- तृतीय मुण्डक / प्रथम खण्ड / मुण्डकोपनिषद / मृदुल कीर्ति
- मुण्डक उपनिषद [ 2 / 2 / 4 ] में कहा है-
- ये हैं - ईश , केन, माण्डूक्य, मुण्डक, तैत्तिरीय, ऐतरेय, प्रश्न, छान्दोग्य और बृहदारण्यक उपनिषद।
- मुण्डक और कठोपनिषद् में बंधे हुये मनुष्य का दृष्टान्त देकर यह श्लोक कहा गया है-
- मुण्डक उपनिषद में ॐ को धनुष , आत्मा को तीर तथा ब्रम्ह को लक्ष्य बताया गया है।