मुद्रा विज्ञान का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इसलिए मुद्रा विज्ञान में जब उंगलियों का रोगानुसार आपसी स्पर्श करते हैं , तब विद्युत बहकर शरीर में समाहित शक्ति जाग उठती है और हमारा शरीर निरोगी होने लगता है।
- इसलिए मुद्रा विज्ञान में जब अँगुलियों का रोगानुसार आपसी स्पर्श करते हैं , तब रुकी हुई या असंतुलित विद्युत बहकर शरीर की शक्ति को पुन : जाग देती है और हमारा शरीर निरोग होने लगता है।
- इसी प्रकार हाथों में नवग्रहों की भी स्थिति होने से रत्न धारण , जप एवं मुद्राओं के द्वारा उन्हें अनुकूल करके प्रभावशाली बनाने की बात मुद्रा विज्ञान में कही गई हैं क्योंकि तर्जनी अँगुली बृहस्पति का स्थान मध्यमा शनि, अनामिका सूर्य, कनिष्ठा बुध का स्थान निर्धारित है।
- इसी प्रकार हाथों में नवग्रहों की भी स्थिति होने से रत्न धारण , जप एवं मुद्राओं के द्वारा उन्हें अनुकूल करके प्रभावशाली बनाने की बात मुद्रा विज्ञान में कही गई हैं क्योंकि तर्जनी अँगुली बृहस्पति का स्थान मध्यमा शनि , अनामिका सूर्य , कनिष्ठा बुध का स्थान निर्धारित है।