मुस्तक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- हरिद्रा निम्ब , त्रिफला, मुस्तक, देवदारु कटुरोहिणी का काषाय, जो कि पतोलपत्र के सहित हो इसका कढ़ा बनाकर पिलाने पर त्रिदोष के कुपित होने पर जोज्वर होता है उसका नाश हो जाता है.
- हरिद्रा निम्ब , त्रिफला, मुस्तक, देवदारु कटुरोहिणी का काषाय, जो कि पतोलपत्र के सहित हो इसका कढ़ा बनाकर पिलाने पर त्रिदोष के कुपित होने पर जोज्वर होता है उसका नाश हो जाता है.
- बेल के पत्ते , यष्टिमधु की जड़ , मुस्तक , कटुकी प्रकन्द और हरीतकी फल आदि का बराबर मात्रा में मिश्रण बनाकर काढ़ा बनाकर 14 से 28 मिलीलीटर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।
- बेल के पत्ते , यष्टिमधु की जड़ , मुस्तक , कटुकी प्रकन्द और हरीतकी फल आदि का बराबर मात्रा में मिश्रण बनाकर काढ़ा बनाकर 14 से 28 मिलीलीटर दिन में तीन बार लेने से लाभ होता है।
- गुडूची का तना , आमलकी फल का मिश्रण , मुस्तक मूल ( जड़ ) और द्राक्षा ( मुनक्का ) आदि को बराबर मात्रा में लेकर 14 से 28 मिली लीटर तक खुराक के रूप में लेना चौथे दिन आने वाला बुखार दूर हो जाता है।
- गुडूची का तना , आमलकी फल का मिश्रण , मुस्तक मूल ( जड़ ) और द्राक्षा ( मुनक्का ) आदि को बराबर मात्रा में लेकर 14 से 28 मिली लीटर तक खुराक के रूप में लेना चौथे दिन आने वाला बुखार दूर हो जाता है।
- मुस्तक की जड़ , शुंठी , कटंकारी की जड़ 14 से 28 मिलीलीटर मात्रा को एक ग्राम के चौथाई भाग से कम की मात्रा में पिप्पली के चूर्ण और 5 ग्राम शहद के साथ दिन में 3 बार लेना चौथे दिन आने वाले बुखार में लाभकारी रहता है।
- चौथे दिन आने वाले बुखार में उशीर मूल , मुस्तक मूल ( मुस्तक की जड़ ) , रक्त ( लाल ) चंदन काष्ठ , गुडूची तना और धान्यक फल आदि को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 15 से 30 मिलीलीटर की मात्रा में 3 बार प्रयोग कर सकते हैं।
- चौथे दिन आने वाले बुखार में उशीर मूल , मुस्तक मूल ( मुस्तक की जड़ ) , रक्त ( लाल ) चंदन काष्ठ , गुडूची तना और धान्यक फल आदि को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 15 से 30 मिलीलीटर की मात्रा में 3 बार प्रयोग कर सकते हैं।
- चौथे दिन आने वाले बुखार में उशीर मूल , मुस्तक मूल ( मुस्तक की जड़ ) , रक्त ( लाल ) चंदन काष्ठ , गुडूची तना और धान्यक फल आदि को बराबर मात्रा में लेकर काढ़ा बनाकर 15 से 30 मिलीलीटर की मात्रा में 3 बार प्रयोग कर सकते हैं।