मुस्तहक का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- ये अशार सियासतदारों और दहशतगर्दों के मत्तालिक हैं , आवाम की सोच और नज़रिए का इस से कोई लेना देना नहीं है| फिर भी किसी के जज्बे को ठेस पहुँचे तो में मुआफी का मुस्तहक हूँ
- कुरान शरीफ : “ जो लोग अल्लाह से किये वादों को तोड़ते है और रहम नहीं करते , ज़मीं में फसाद बरपा करते है वह लानत के मुस्तहक है , इनका बुरा ठिकाना है ”
- जो कोईअनाज की एक बाली की जगह दो या घास की एक पत्ती की जगह दो उगाता है , ज़्यादा ख़ुशहाली का मुस्तहक हैऔर तमाम राजनीतिज्ञों की समूची जाति की बनिस्बतवह देश की ज़्यादा सेवा करता है ।
- इसके बावजूद कि बांदियों के जग जाने और मसरूर की वापसी का धड़का लगा हुआ था , आपसी बातचीत की इच्छा ने उसे अधीर कर दिया, बोला-हुस्न की मलका, यह जख्मी दिल आपकी इनायत की नज़र की मुस्तहक है।
- इसके बावजूद कि बांदियों के जग जाने और मसरूर की वापसी का धड़का लगा हुआ था , आपसी बातचीत की इच्छा ने उसे अधीर कर दिया , बोला-हुस्न की मलका , यह जख्मी दिल आपकी इनायत की नज़र की मुस्तहक है।
- जो अजाब के मुस्तहक करार दिए जा चुके होते हैं और जब रमजानुमुबारक का आखिरी दिन आता है तो पहली रमजान से लेकर आखिर रमजान तक जितने आजाद हुए थे उसकी गिनती के बराबर उस आखिरी दिन में आजाद किए जाते हैं।
- फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने कभी उनके बारे में खा था - “ इरफ़ाना अज़ीज़ हर ऐतबार से हमारे जदीद शुअरा की सफ़-ए-अव्वल में जगह पाने की मुस्तहक है ! ” और आज इरफ़ाना अज़ीज़ अपनी एक अलग पहेचान बना कर उन शायरों की पंक्ती में खड़ी है जिसका नाम बड़ी इज्ज़त से लिया जाता है !
- हालाँकि इस मसले में नेताजी के मंत्रिमंडल में कल्याण सिंह जी के पुत्र राजवीर जी और श्रीमती कुसुम राय जी के साथ मंत्री रह चुके भाई आज़म खान और बेनी वर्मा जी के साहबजादे श्री राकेश वर्मा और उस सरकार को हिमायती का ख़त देने वाली आदरणीय कांग्रेस अध्यक्ष भी बराबर की सियासी हिस्सेदारी की मुस्तहक है .
- हालाँकि इस मसले में नेताजी के मंत्रिमंडल में कल्याण सिंह जी के पुत्र राजवीर जी और श्रीमती कुसुम राय जी के साथ मंत्री रह चुके भाई आज़म खान और बेनी वर्मा जी के साहबजादे श्री राकेश वर्मा और उस सरकार को हिमायती का ख़त देने वाली आदरणीय कांग्रेस अध्यक्ष भी बराबर की सियासी हिस्सेदारी की मुस्तहक है .
- कम से कम कल्याण सिंह जी इस बात के लिए शुक्रिया के मुस्तहक है कि उन्होंने खुले तौर पर ऐलानिया कहा कि उनके साहबजादे राजवीर और कुसुम राय जी को वजीर बनाने में और साक्षी महाराज को राज्यसभा में पहुचाने में और एक गुल में साथ-साथ गुलपोश होकर , लाल टोपी पहना कर कल्याण सिंह जिंदाबाद का नारा लगाने के कारनामों में वाहिद अगर कोई जिम्मेदार है तो सिर्फ इज्ज़तमाफ जनाब मुलायम सिंह साहब.