मूर्त वस्तु का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- नामकरण का आधार उस संकल्पना या अवधारणा का गुण-धर्म होता है , अर्थात् , वह मूर्त वस्तु क्या काम करती है ? उसका क्या प्रभाव होता है ?
- इस प्रकार यह एक मूर्त वस्तु है , क्योंकि संपूर्ण सृष्टि , संपूर्ण सत्ता ही ईश्वर है और जो कुछ विद्यमान है- अर्थात सत्य- उसकी सेवा ईश्वर की सेवा है।
- वास्तव में यह सत्य भी है , इस अर्थ में सत्य नहीं कि समय कोई मूर्त वस्तु है , अपितु इस अर्थ में कि समय ही इतिहास का निर्माण करता है।
- प्यार तो एक ऐसी सुखद अनुभूति है एक ऐसी मधुर सुगंध है जिसे प्रेमी -प्रेमिका कस्तूरी की भांति एक दुसरे के मन मे ढूंढते रहते है प्यार कोई स्पर्श्य या मूर्त वस्तु नही है यह तो केवल एक अनभूति या एहसास है एक ऐसा एहसास जिस मे सिर्फ असीम आनंद प्राप्त होता है …