मृगलोचनी का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- केशव केसन अस करी जस अरिहूं न कराहिं , चंद्रवदन मृगलोचनी बाबा कहि-कहि जांहि।
- चंद्रबदन , मृगलोचनी तुम्हें भी बाबा कहने के बजाय अंकल ही कहतीं और तुम जैसे
- चंद्रबदन , मृगलोचनी तुम्हें भी बाबा कहने के बजाय अंकल ही कहतीं और तुम जैसे
- चंदन-बदन मृगलोचनी सालियों और भाभियों से होली खेलने के बहाने स्पर्श-सुख प्राप्त होता है।
- चंद्रबदन , मृगलोचनी नायिकाओं ने बिहारी के भाई केशवदास को बाबा कहकर उनका उपहास किया था।
- चंद्रबदन , मृगलोचनी नायिकाओं ने बिहारी के भाई केशवदास को बाबा कहकर उनका उपहास किया था।
- केसव केसन अस करी जस बैरी हूँ न कराहिं कनक बदन मृगलोचनी बाबा कही कही जाहिं !
- महाकवि केशवदास ने कहा ही था : केशव केशन अस करी, जस अरिहु न करहिं , चंद्र मुखी मृगलोचनी, बाबा कहि कहि जाहिं ।
- आचार्य रजनीकांत शर्मा की कहानी ‘ मृगलोचनी ' तथा श्याम सुंदर सुमन व उमेश चन्द्र सिंह की लघुकथाएं पत्रिका के उद्देश्य की पूर्ति करती दिखाई देती है।
- कुछ कवि बहुत ज्यादा भावुक होते है कवि के सफेद बाल देख कर चंद्रवदनि मृगलोचनी ने बाबा का सम्बोधन कर दिया , दिल में टीस लगी और कविता प्रारम्भ।