मोहन भोग का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- बाद में ताज़ा घी और मोहन भोग की चार आहुतियां दे ।
- बाद में ताज़ा घी और मोहन भोग की चार आहुतियां दे ।
- ‘‘ ओह् हो , तो क्या महारानी जी गाँव में मोहन भोग खाती थीं।
- कर्जा लेकर खाइये , नित्य प्रति मोहन भोग॥ नित्य प्रति मोहन भोग, करो काया की पूजा।
- यह देखकर भी कि इंसान भूखा है , मोहन भोग , पत्थरों पर चढ़ते हैं।
- यह देखकर भी कि इंसान भूखा है , मोहन भोग , पत्थरों पर चढ़ते हैं।
- नहीं मोहन भोग की है चाह- लेकिन तृप्ति देना-उदर अपना भर सकूँ , मेहमान भी पायें चबेना।।
- का वह पत्र ही इस रसभंग , इस 'मोहन भोग की कंकड़ी' का कारण बताया जाता है, जो
- एक दोना पत्तल म खीर , पूड़ी, दाल भात, लड्डू, बरा, सोंहारी, मोहन भोग पंडित रामाधीन देथे ।
- पुजारी रात की बिछी शैया उठाकर मोहन भोग मेवा मिसरी आदि का भोग लगाकर मंगल आरती उतारते हैं।