मोहिनी अट्टम का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- उत्तर भारत का कत्थक , तमिल का भरतनाटयम् , सुदूर केरल के साथ कत्थकली , मोहिनी अट्टम , उड़ीसा का ओडिसी , आंध्रप्रदेश का कुचीपुड़ी आदि-आदि तो पूर्वोत्तर क्षेत्र की मणिपुरी नृत्य की विशिष्ट परंपराएं हैं।
- उत्तर भारत का कत्थक , तमिल का भरतनाटयम् , सुदूर केरल के साथ कत्थकली , मोहिनी अट्टम , उड़ीसा का ओडिसी , आंध्रप्रदेश का कुचीपुड़ी आदि-आदि तो पूर्वोत्तर क्षेत्र की मणिपुरी नृत्य की विशिष्ट परंपराएं हैं।
- अन्यथा आज भारत के सांस्कृतिक कार्यक्रमों में चाव से और भारतीय कला के प्रति अभिमान की भावना से देखे जा रहे भारत नाट्यम , ओडीसी और मोहिनी अट्टम जैसे अति प्राचीन नृत्य शायद हमे देखने को नसीब न हो पाते।
- श्रीराधा सनेह बिहारी मंदिर प्रांगण में चल रहे अखिल भारतीय स्वामी श्री हरिदास संगीत सम्मेलन एवं शास्त्रीय संगीत कला सम्मान का दूसरा दिन कथक , मोहिनी अट्टम और सितार वादन के नाम रहा। शर्मिष्ठा मुखर्जी और राजकुमारी गोपिका वर्मा ने राधा-कृष्ण की लीलाओं पर आधारित नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया।
- श्रीराधा सनेह बिहारी मंदिर प्रांगण में चल रहे अखिल भारतीय स्वामी श्री हरिदास संगीत सम्मेलन एवं शास्त्रीय संगीत कला सम्मान का दूसरा दिन कथक , मोहिनी अट्टम और सितार वादन के नाम रहा। शर्मिष्ठा मुखर्जी और राजकुमारी गोपिका वर्मा ने राधा-कृष्ण की लीलाओं पर आधारित नृत्य ने दर्शकों का मन मोह लिया।
- नमक सत्याग्रह के समय गांधीजी के गिरफ्तार हो जाने के बाद आन्दोलन के नेता के रूप में उनका स्थान किसने लिया था ? उत्तर: अब्बास तैयबजी ने 5. 'दादा साहब फाल्के पुरस्कार' प्राप्त करने वाली पहली महिला कौन थीं ?उत्तर: देविका रानी 6. 'मोहिनी अट्टम' नृत्य कहाँ का है ?उत्तर: केरल का 7. 'डेविड कॉपरफील्ड' के लेखक कौन हैं ?उत्तर: चार्ल्स डिकिंस 8.
- मोहिनी अट्टम के बाद टी एस इलियट की कविता पर लघु नाटिका , शेक्सपीयर के नाटक के बाद भरत नाट्यम ले कर आते और सुदूर किसी अफ्रीकी देश के लोक नृत्य को करने के लिए कोवों के पंखों से बना ताज पहन , कमर पर पत्ते बाँध कर आदिवासी समुदायों के लोक नृत्य लूर जैसा प्रदर्शन करते हुए वैश्विक हो जाया करते .
- पूरे वर्ष , कड़ी मेहनत से किसान तरह - तरह के अनाज़ का करता है उत्पादन खट्टे - मीठे जीवन अनुभवों को समेट ' अवियल ' , ‘ पुलिइंजी ' , ‘ अप्पम '' से करता अभिव्यक्त रसास्वादन बांटता परिजनों से “ सद्या ” प्रीतिभोज ‘ मोहिनी अट्टम '' , ‘ तिरूवादिरा ' सांप्रदायिक नृत्यों से हर्षौल्लास के साथ गूंज उठती हैं दस दिशायें सुख -शांति व समृद्वि को , जीवन में भर देती है नई आशायें।