याम्य का अर्थ
उदाहरण वाक्य
- इस अतीन्द्रिय शरीर से ही जीवात्मा अपने द्वारा किये हुए धर्म और अधर्म के परिणामस्वरूप सुख-दु : ख को भोगता है तथा इसी सूक्ष्म शरीर से पाप करनेवाले मनुष्य याम्य मार्ग की यातनाएँ भोगते हुए यमराज के पास पहुँचते हैं एवं धार्मिकजन प्रसन्नता पूर्वकसुख-भोग करते हुए धर्म राज के पास जाते हैं।